Thursday, April 25, 2024

राहुल के लंदन में दिए बयान पर बीजेपी ने संसद में किया हंगामा, पूरे दिन नहीं हुआ कोई कामकाज

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नयी दिल्ली- संसद में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गये बयानों का मुद्दा सत्ता पक्ष की ओर से उठाये जाने के बाद शुरू हुए हंगामें के कारण दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो सका। सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि कांग्रेस के नेता ने भारत के लोकतंत्र को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

इसके विरोध में दोनों सदनों में विपक्ष ने पीठ के समक्ष एकत्रित होकर सरकार और अडानी उद्याेग घराने के बीच संबंध का आरोप लगाते हुए इसकी जांच के लिए संयुक्त जांच समिति (जेपीसी) गठन की मांग को लेकर नारेबाजी की। हंगामे के कारण दोनों सदनों में दिन भर कोई कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन लोकसभा और राज्य सभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने श्री गांधी के लंदन में देश के लोकतंत्र के बारे में दिये गये बयानों का मुद्दा उठा दिया जिससे हंगामा शुरू हो

गया। उसी दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने श्री गांधी पर सत्ता पक्ष की ओर से की गयी टिप्पणियों का विरोध करते हएु हंगामा किया और अडानी मामले पर जेपीसी के गठन की मांग करने लगे। दोनों पक्षों की ओर से किया जा रहा हंगामा थमता न देख दोनों सदनों की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में हंगामे के बीच कहा कि श्री गांधी इस सदन के सदस्य हैं, उन्होंने लंदन में भारत को बदनाम किया है। यह भारत की गरिमा पर गहरी चोट है। उन्हें सदन में आकर माफ़ी माँगनी चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि श्री गांधी विदेशी धरती पर जाकर अध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाते हैं कि उनका माइक सदन में बंद किया जाता है। श्री गांधी की ओर से भारत के आंतरिक मामले में विदेशी हस्तक्षेप की माँग करना निंदनीय है। इस मामले में सदन को उनकी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री गांधी को सदन से माफ़ी माँगनी चाहिए।

अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सदस्यों को अपने-अपने स्थान पर जाने के लिए लिए कहा, लेकिन हंगामा बढ़ता गया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही अपराह्न 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्य आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। कांग्रेस के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाने लगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब में उसी आक्रामकता के साथ ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे गूंजने लगे।

पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच जरूरी विधायी कार्य निपटवाया और सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित करने में सहयोग की अपील की।

श्री अग्रवाल ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं और जिन मुद्दों पर विपक्ष के सदस्य चर्चा चाहते हैं उन सब मुद्दों पर चर्चा की अनुमति दी जायेगी। उनका कहना था कि संसद और पीठ का सम्मान सभी के लिए अनिवार्य है और किसी भी सदस्य को इसकी अवमानना की अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर चले जाएं और सदन की कार्यवाही चलने दें, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और हंगामा बढ़ता गया जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

राज्य सभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने विदेश में जाकर सदन का अपमान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और अन्य दलों के सदस्य श्री गोयल का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी दलाें के सदस्य शांत हो गये और अपनी सीट पर चले गये।

श्री गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने देश के लोकतंत्र, सेना, चुनाव आयोग और प्रेस को लेकर अनाप-शनाप बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, उन्होंने विपक्ष के संंबंधित नेता से देश के लोगों, सदन और प्रेस से माफी मांगने की मांग की। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये तथा अन्य दलों के नेता अपनी सीट के निकट खड़े रहे। इस दौरान श्री गोयल ने कहा कि आपात काल के दौरान लोकतंत्र पर खतरा आ गया था, इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा और तेज कर दिया।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अपने वक्तव्य के लिए खड़े होने के साथ ही भाजपा के सदस्यों ने अपनी सीट से हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान श्री खड़गे ने श्री गोयल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि देश में जो कुछ चल रहा है, उसे दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उस पर टीका करना ठीक नहीं है।

इससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह सदन सभी पक्षों को सुनने के लिए है। चर्चा और बहस के लिए है। श्री धनखड़ ने कहा कि नियम 267 काे छोड़कर उन्होंने कभी किसी सदस्य को बोलने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता का यह देश है।

सदस्यों का हंगामा जारी रहने के बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

भोजनवकाश के उपरांत श्री धनखड़ ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए श्री गोयल को बोलने की अनुमति दी। श्री गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ सदस्य विदेशों में भारतीय लोकतंत्र और अन्य संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्हें सदन और देश से इसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। इसके साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने माफी मांगों के नारे लगाने आरंभ कर दिये। इस पर सदन में श्री खड़गे ने कहा कि दूसरे सदन के बयान का उल्लेख सदन में नहीं किया जा सकता, इसलिए सदन के नेता के बयान को कार्यवाही से निकाल देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और भारत राष्ट्र समिति के के केशवराव ने भी श्री खड़गे का समर्थन किया। इसके बाद कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़ने लगे। कांग्रेस और विपक्ष के अन्य सदस्य भी जोर जोर से नारे लगाने लगे।

इस पर श्री धनखड़ ने दोनों पक्षों के शांत होने और कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सदन कार्यवाही अपराह्न दो बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

इससे पहले पूर्वाह्न श्री गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने विदेश में जाकर सदन का अपमान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और अन्य दलों के सदस्य श्री गोयल का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी दलाें के सदस्य शांत हो गये और अपनी सीट पर चले गये।

श्री गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने देश के लोकतंत्र, सेना, चुनाव आयोग और प्रेस को लेकर अनाप-शनाप बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, उन्होंने विपक्ष के संंबंधित नेता से देश के लोगों, सदन और प्रेस से माफी मांगने की मांग की। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये तथा अन्य दलों के नेता अपनी सीट के निकट खड़े रहे। इस दौरान श्री गोयल ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर खतरा आ गया था, इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा और तेज कर दिया।

श्री खड़गे के अपने वक्तव्य के लिए खड़े होने के साथ ही भाजपा के सदस्यों ने अपनी सीट से हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान श्री खड़गे ने श्री गोयल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि देश में जो कुछ चल रहा है, उसे दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उस पर टीका करना ठीक नहीं है।

इससे पहले सभापति ने कहा कि यह सदन सभी पक्षों को सुनने के लिए है। चर्चा और बहस के लिए है। श्री धनखड़ ने कहा कि नियम 267 काे छोड़कर उन्होंने कभी किसी सदस्य को बोलने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता का यह देश है।

भोजनावकाश के बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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