नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण गुरुवार को लोक सभा में कामकाज नहीं हो पाया। सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल अडानी पर चर्चा कराने की मांग को लेकर वेल में आ गए। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
दो बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, लेफ्ट और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सहित कई अन्य दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए अडानी पर चर्चा की मांग को लेकर वेल में आ गए। वहीं एनसीपी, सपा, जेडीयू, और बीआरएस सहित कई अन्य दलों के सांसद अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर इनका समर्थन करते नजर आए।
हंगामे के बीच सदन में पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने विरोधी दलों से सदन चलने देने की अपील की वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी विपक्षी दलों से सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा कि संसद चर्चा के लिए है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया है और बजट सत्र की पहली प्राथमिकता राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है।
लेकिन विपक्षी दलों के सांसद लगातार अपनी मांगों को लेकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे। इसे देखते हुए पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने लोक सभा की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।