नोएडा। नोएडा पुलिस एक बार फिर चर्चा में आ गई है। ई-रिक्शा चोरों के गिरोह को गिरफ्तार करने के बाद वाहवाही लूटने के लिए की गई पत्रकार वार्ता में पुलिस की आरोपियों ने जमकर किरकिरी कराई। आरोपियों ने ई-रिक्शा चोरी की वारदात से साफ इंकार करते हुए पुलिस पर उलटे झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगा दिया।
भरी प्रेस-कांफ्रेंस में पुलिस की जब आरोपियों ने पुलिस पर ये आरोप लगाया तो अधिकारियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगीं। दरअसल थाना फेस-1 पुलिस ने ई-रिक्शा चोरी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से चोरी के 12 ई-रिक्शा बरामद करने का भी दावा किया। आरोपियों के बारे में जानकारी देने के लिए सेक्टर-6 स्थित पुलिस उपायुक्त हरिश्चंद्र के कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता रखी गई थी।
पत्रकार वार्ता में मौजूद एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी, एसीपी सुशील कुमार की मौजूदगी में आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान मीडिया कर्मियों ने आरोपी बाबू खान से सवाल जवाब किए तो उसने साफ कहा कि पुलिस जिन्हें चोरी के ई-रिक्शा बता रही है। वह चोरी के नहीं बल्कि पुराने ई-रिक्शा हैं। पुराने ई-रिक्शा में रजिस्ट्रेशन व ई-रिक्शा नंबर नहीं होते थे। पुलिस ने इस मामले में वासिफ पुत्र काफिल व मुकद्दर उर्फ बिट्टू को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी बाबू खान ने कहा कि पुलिस ने उसे फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार किया है।
पत्रकार वार्ता में मौजूद एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के गरम तेवरों को देखकर पुलिसकर्मियों ने बाबू खान को चुप रहने का इशारा किया जिसके बाद उसने जुबान नहीं खोली। पत्रकार वार्ता में आरोपी द्वारा पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए जाने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।