बुढ़ाना। गांव हुसैनपुर कलां के प्राचीन मंदिर से आठवें तीर्थंकर चन्द्रप्रभु भगवान की मूर्तियां लेकर जैन समाज के लोग गाजे-बाजे से रथयात्रा में बुढ़ाना पहुंचे। कस्बे के श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में भगवान चन्द्रप्रभु समेत 11 मूर्तियों को विराजमान किया गया।
बुढाना व गांव हुसैनपुर कलां में 2० अप्रैल से ही धार्मिक पूजा की जा रही है। गुरुवार को सुबह से ही गांव हुसैनपुर कलां के श्री 1008 चन्द्रप्रभ जिनालय में पूजा अर्चना की गई। मूलनायक प्रतिमा का शांतिधारा के साथ जिनाभिषेक करवाया गया। उसके बाद श्रद्धालु समोशरण की मूर्तियों को सिर पर रख रथ पर पहुंचे। इस दौरान गांव के ग्रामीणों ने उन्हें भाव भीनी विदाई दी।
गांव हुसैनपुर कलां से लेकर बुढ़ाना तक यात्रा का कई जगह भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने आरती कर प्रसाद वितरित किया। कस्बे के श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में सम्पूर्ण मूर्तियों का समोशरण पहुंचा। विधान पूजन माल की बोली के बाद मंदिर में मूलनायक प्रतिमा को सुबह नौ बजे विराजमान किया गया। बैंडबाजों के साथ स्वर्णपालकी में शोभायात्रा शुरू की गई। जो कस्बे के मुख्य मार्ग से होती हुई मंदिर पहुंची।
बैंड व झांकियों का रहा आकर्षण- शोभायात्रा में आकर्षक बैंड बाजे व झांकी देखने को मिली। शोभायात्रा का जगह-जगह बने स्वागतद्वारों पर स्वागत कार्यक्रम किया गया। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र ही नहीं कई प्रदेशों से जैन समाज के लोगों ने हिस्सा लिया।
500 वर्ष प्राचीन है प्रतिमाएं- गांव हुसैनपुर कलां में 500 वर्ष प्राचीन मंदिर की प्रतिमाओं में मूलनायक चन्द्रप्रभु के साथ कुल 11 प्रतिमा मौजूद हैं। इनमें से तीन प्रतिमाएं प्राचीन 500 वर्ष की ही है। प्रतिमाओं में मुलनायक चंद्रप्रभु भगवान, चंद्रप्रभु भगवान, शांतिनाथ, आदिनाथ, शीतलनाथ, पदम प्रभु, पारसनाथ, मल्लिनाथ, महावीर स्वामी, सिद्ध भगवान, चौबीसो भगवान की प्रतिमाएं है।