नई दिल्ली। सीबीआई कोर्ट में गुरुवार को तारा शाहदेव धर्मांतरण मामले में फैसला सुनाया। सीबीआई की विशेष अदालत ने तारा शाहदेव के पूर्व पति और सास समेत सभी तीन मुख्य आरोपियों को दोषी ठहराया। इसके साथ ही सजा की घोषणा की। सीबीआई कोर्ट ने दोषी रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को उम्रकैद की सजा सुनाई। उनकी मां कौसर रानी को दस साल की सजा सुनाई गई है। साजिश रचने के आरोपी हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक 2017 में, सीबीआई ने राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव मामले में आरोप पत्र दायर किया, जिस पर कथित तौर पर उसके पति द्वारा धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाला गया था। तीनों दोषी (शाहदेव के पति रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशर रानी और मुस्ताक अहमद) न्यायिक हिरासत में हैं।
दोषी रसकिबुल हसन के वकील मुख्तार अहमद ने बताया कि”इस मामले में तीन आरोपी हैं। रणजीत सिंह कोहली, मुश्ताक अहमद और कौशर रानी। कौशर रानी को धारा 376 के साथ 120 बी के तहत 10 साल की सजा हुई है। मुश्ताक अहमद को धारा 376 के तहत 15 साल की सजा हुई है।
इस मामले में रणजीत सिंह कोहली को हिरसात मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा है। हम उस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे और निश्चित रूप से, हमें वहां से राहत मिलेगी… यह पारिवारिक विवाद का मामला है, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है… वे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। हमें नहीं लगता कि यह इन लोगों के खिलाफ कुछ भी गंभीर है… हम उच्च न्यायालय जाएंगे।