इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 46 लाख रुपये ट्रांसफर कर लेने के मामले में क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी क्राइम राजेश त्रिपाठी ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि गत 11 सितंबर को 65 साल की एक महिला के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी है।
उसने कहा कि महिला का फोन नंबर अवैध एडवर्टीजमेंट के लिए इस्तेमाल किया गया है। ठगों ने महिला को चार-पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और बैंक खातों की जांच के बहाने लगभग 46 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि 40 लाख रुपये उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक मदरसे के प्रबंधक के खाते में भेजे गए थे। वहां टीम भेजकर प्रबंधक असद अहमद खान को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिस चालू खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था वह इसी उद्देश्य से 15-20 दिन पहले खोला गया था।
किसी ने मदरसा प्रबंधक को हिस्सा देने का लालच देकर खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित किया था। दूसरे मामलों को मिलाकर उस खाते में करीब 1.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। पुलिस मदरसे के नाम पर मौजूद सभी नौ बैंक खातों को फ्रीज कर उनकी जांच करेगी। डीसीपी (क्राइम) ने बताया कि मुख्य आरोपी असद अहमद खान (36) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके साथ उसके पिता अली अहमद खान (69) को भी गिरफ्तार किया गया है क्योंकि बैंक खाता खोलने में उसी के दस्तावेज का इस्तेमाल हुआ था। साथ ही हाल में खोले गए चालू खाते का एटीएम भी उसके पास से मिला था। पुलिस ने बताया कि दोनों गिरफ्तार आरोपियों की पुलिस रिमांड मिल गई है। उनके जरिए बुजुर्ग महिला को फोन करने वाले ब्लैकमेलर तक पहुंचने का कोशिश की जा रही है।