वाराणसी। आज माघी पूर्णिमा का पावन पर्व महाकुंभ के पांचवे स्नान के रूप में मनाया जा रहा है। वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। भोर से ही लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचने लगे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघी पूर्णिमा का दिन पुण्य अर्जन के लिए विशेष होता है और इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघी पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और उज्जैन जैसे धार्मिक स्थलों पर लाखों श्रद्धालु इस विशेष पर्व पर स्नान और दान-पुण्य के लिए एकत्र होते हैं। वाराणसी में दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा, मणिकर्णिका, राजेंद्र प्रसाद और अन्य प्रमुख घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है।
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महाकुंभ के इस महत्वपूर्ण स्नान पर्व को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए हैं। गंगा घाटों पर पुलिस बल और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। जल पुलिस और जीवन रक्षक दल गंगा में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके अलावा, घाटों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है और मेडिकल टीम भी तैनात की गई है, जिससे किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
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महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को भी दर्शाता है। वाराणसी में इस अवसर पर संत-महात्माओं के प्रवचन, भजन-कीर्तन और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। घाटों पर गंगा आरती का भव्य आयोजन हो रहा है, जिसमें श्रद्धालु भारी संख्या में भाग ले रहे हैं।
श्रद्धालुओं में इस पर्व को लेकर गहरी आस्था देखी जा रही है। सुबह से ही लोग गंगा स्नान के लिए लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं और जरूरतमंदों को दान-पुण्य कर रहे हैं। वाराणसी के स्थानीय दुकानदारों के लिए भी यह अवसर खास होता है, क्योंकि धार्मिक पर्यटन से शहर में आर्थिक गतिविधियां भी तेज हो जाती हैं।
गंगा घाटों पर “हर-हर गंगे”, “गंगा मैया की जय” और “हर-हर महादेव” के जयकारे गूंज रहे हैं। भक्तों की आस्था और उल्लास से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। महाकुंभ का यह विशेष स्नान पर्व श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति और पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है।
वाराणसी को मोक्षदायिनी नगरी कहा जाता है और यहां गंगा स्नान का विशेष महत्व है। यह शहर आदि काल से धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। माघी पूर्णिमा पर यहां स्नान करने आए श्रद्धालु वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा को पूर्ण कर रहे हैं।