कोलकाता। बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार किया है। सीएम बनर्जी ने कहा था कि अगर बंगाल जलेगा तो बिहार और ओडिशा भी जलेगा। सांसद सिग्रीवाल ने इसको आधार बनाकर कहा उन्हें बिहार की ताकत का एहसास नहीं है। बीजेपी सांसद ने कहा, “ममता बनर्जी खुद बंगाल जला रही हैं। वो बंगाल में अत्याचार का तांडव करा रही हैं। वहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। चिकित्सक सुरक्षित नहीं हैं।
कोई भी वहां सुरक्षित नहीं है और वो यह सबकुछ खुद करा रही हैं। इसकी वजह से अगर बिहार जल जाएगा तो मुझे लगता है कि उन्हें बिहार की ताकत का एहसास नहीं है। बिहार अमन, चैन और शांति की भूमि है। यह जलने और जलाने वाली की भूमि नहीं है और जो जलाने का प्रयास करता है, वो स्वयं जल जाता है।” बता दें कि बीते दिनों कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले के विरोध में छात्र समुदाय ने ‘नबन्ना मार्च’ निकालने का ऐलान किया था। इसमें हजारों छात्रों ने हिस्सा लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार्यशैली के खिलाफ रोष जाहिर किया था। इस दौरान, कई छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया। जिसका बीजेपी ने विरोध किया था।
बीजेपी ने इसके जवाब में बंगाल बंद का आह्वान किया। जिसका टीएमसी ने विरोध किया था। बंगाल बंद के दौरान टीएमसी और बीजेपी के बीच तनाव की स्थिति भी पैदा हुई थी। इस दौरान, बीजेपी के तीन नेताओं सहित कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिसासत में भी लिया था। मुख्यमंत्री ने टीएमसी पर राज्य में अराजक स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। बंगाल बंद के दौरान फायरिंग और गोलीबारी जैसी स्थिति भी पैदा हो गई। जिसमें कई लोग घायल हो गए, इन्हें बाद में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर देश के लोगों में गुस्सा है। इसके अलावा, विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है।
बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री लगातार इस घटना में संलिप्त आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही हैं, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है। उधर, पीड़िता के पिता का आरोप है कि मुख्यमंत्री अपनी दमनकारी कार्यशैली का सहारा लेकर लोगों के आक्रोश को दबाना चाहती है। अगर लोगों ने इसे लेकर आंदोलन करना बंद कर दिया, तो हमें न्याय मिलना दूभर हो जाएगा। इस घटना के बाद महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंताजनक स्थिति बन चुकी है। बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विभिन्न अस्पतालों को पत्र लिखकर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।