इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं मणिपुर के प्रत्येक नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का अत्यंत आभारी हूं।”
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वहीं राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार का गठन होने तक जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिया है। ऐसे में एन. बीरेन सिंह मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री को रूप में काम करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों के अनुसार नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा एक या दो दिन में की जाएगी। इस्तीफा देने से पहले एन. बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
पिछले हफ्ते विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत को दिल्ली बुलाए जाने के बाद मणिपुर में सत्ता परिवर्तन के संकेत मिलने लगे थे। इसके बाद ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री युमनाम खेमचंद भी दिल्ली आए थे। इस बीच संकेत मिल रहे थे कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। ऐसे में सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे को बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है।
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सियासी चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस पार्टी मौजूदा नेतृत्व से नाराज कुछ भाजपा विधायकों की मदद से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार कर रही है। एन. बीरेन सिंह ने पिछले वर्ष की मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, “यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से पिछले साल तीन मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।”