मुजफ्फरनगर। जानसठ रोड स्थित गर्ग हॉस्पिटल में उपचार के दौरान जच्चा की मौत हो गई। इस दुखदाई घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल पर हंगामा खड़ा कर दिया। इस मामले में भाकियू कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारी पूरी टीम पीडि़त परिवार के साथ खड़ी है और उसको न्याय मिलने तक हम यह लड़ाई जारी रखेंगे।
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भोपा क्षेत्र के गांव निरगाजनी निवासी सुमित कुमार पुत्र देशराज की शादी एक साल पहले गांव पलड़ी निवासी पूनम के साथ हुई थी। जानसठ रोड पर स्थित गर्ग हॉस्पिटल में बच्ची को जन्म देने के उपरांत रविवार को पूनम की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया और वहीं प्रदर्शन शुरू कर दिया।
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परिवार द्वारा इसकी जानकारी मिलने पर भाकियू अराजनैतिक के मोरना ब्लॉक अध्यक्ष अंकित जावला भी अपनी टीम के साथ गर्ग हॉस्पिटल पहुंचे और पूनम की आकस्मिक मौत पर विलाप करते परिजनों के लिए न्याय, हॉस्पिटल की जांच और मौत के कारणों की जांच की मांग करते हुए वहीं पर धरने पर बैठ गये। जिससे पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, तहसीलदार, सीओ और नई मंडी कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश बघेल ने धरना खत्म कराने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान पीडि़त परिवार के साथ हुए अत्याचार पर कार्यवाही की पुरजोर मांग करते हुए हॉस्पिटल को सील कराने तक धरना खत्म करने से इंकार कर दिया।
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जानकारी के अनुसार भोपा थाना क्षेत्र के निरगाजनी गांव के दलित परिवार की बहू पूनम की गर्ग हॉस्पिटल में उपचार में बरती गई लापरवाही के कारण मौत हो गई। उसको चिकित्सक के द्वारा अमानवीय ढंग से टॉर्चर किया गया, इसी को लेकर परिवार को न्याय दिलाने के लिए हमने धरना दिया और पुलिस व प्रशासन के समक्ष पीड़ित परिवार की शिकायत को मजबूती से रखते हुए कार्यवाही की मांग की। मृतका पूनम के पति सुमित ने आरोप लगाया कि 28 फरवरी को उसने अपनी गर्भवती पत्नी पूनम को जानसठ रोड स्थित गर्ग हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, पूनम ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
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अस्पताल के मालिक डॉ. विभू गर्ग और उनकी पत्नी डॉ. आरती ने ऑपरेशन किया। इसके बाद पूनम की हालत बिगड़ी, तो डॉक्टर ने उसकी दिमागी हालत खराब बताते हुए परिजनों के सामने ही उसको कई थप्पड़ मारे और उसके हाथ पांव रस्सी से बांध दिये थे। इसी बीच तबीयत और ज्यादा बिगडऩे पर हॉस्पिटल वालों ने ही एम्बुलेंस बुलाकर बिना रैफर किये, पूनम को बाहर कर दिया गया। इसी बीच उसकी मौत हो गई।
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परिजनों ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए मौके पर आये तहसीलदार, सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों के समक्ष कड़ी नाराजगी व्यक्त कर चिकित्सक की जांच कराने की मांग की। उनकी मांग पर सीएमओ के स्तर से मौके पर ही टीम को भेजकर हॉस्पिटल भी सील करा दिया गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है, तो ये लड़ाई हर स्तर पर लड़ी जायेगी।
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आज भी जनपद में फर्जी हॉस्पिटल और बिना अनुमति एवं सुविधा के ही लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है, इसमें कई निर्दोष की मौत के बाद भी पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसर गंभीर कार्यवाही करने के बजाये लापरवाही दिखा रहे हैं। लगभग लगभग 6 घंटे धरना-प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, सीओ और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच कर उचित कार्रवाई करने के आश्वासन पर परिवारजन मृतक के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए, इस अवसर मुख्य रूप से अंकित जवाला, विपिन त्यागी, राजीव कुमार, वीर मास्टरजी के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।