मुजफ़्फरनगर। थाना मंसूरपुर क्षेत्र के नूना गांव निवासी 55 वर्षीय राम किशोर की पुलिस हिरासत में मौत से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गत 23 फरवरी को नूना गांव निवासी रामकिशोर को 15 वर्ष पुराने एक मुकदमे में वारंट जारी होने पर पुलिस नें गिरफ्तार कर लिया था।
खबर है कि पुलिस हिरासत में ही रामकिशोर ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। इसके बाद आनन-फानन में थाना मंसूरपुर पुलिस ने मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में वारंटी रामकिशोर को भर्ती कराया और करीब एक हफ्ता इलाज के बाद रामकिशोर ने दम तोड़ दिया। मृतक राम किशोर के पुत्र सचिन ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 साल पहले गांव के ही दूसरे पक्ष से लड़ाई झगड़ा हो गया था, जिसमें मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन बाद में गांव के जिम्मेदार लोगों नें दोनों पक्षों में फैसला करा दिया था।
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उसके बाद अब 15 साल बाद थाना मंसूरपुर पुलिस कोर्ट का वारंट लेकर आई और पिताजी कों कोर्ट में पेश करने के लिए अपने साथ ले गई। मंसूरपुर थाने में ही उन्होंने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया, जिसकी वजह से पुलिस नें उनको एक हफ्ते तक मुजफ़्फरनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा रखा था और आज रविवार सुबह हमारे पास पुलिस का फोन आया कि आपके पिता की मृत्यु हो गई है।
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हालांकि मृतक के 28 वर्षीय पुत्र सचिन ने इस पूरे मामले पर मीडिया से कुछ भी बात करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जो होना था ,हो गया है और हम इसमें किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं चाहते हैं और हमारा फैसला हो गया है। रामकिशोर की मौत के बाद एक सवाल सबके दिमाग़ में गर्दिश कर रहा है, कि रामकिशोर के पास थाने में जहर कैसे पहुंचा और किसने जहर ला के दिया और ऐसा क्या कारण था कि रामकिशोर ने पुलिस कस्टडी में जहर का सेवन किया और मृतक रामकिशोर के पुत्रगण भी इस पूरे मामले से बचते हुए नजर आ रहे हैं।