लखनऊ। जनपद रायबरेली के ऊंचाहार में बीती सोमवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में एक जनसभा आयोजित हुई थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में अमर्यादित नारे लगाए गए। इसका वीडियो सार्वजनिक होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिना नाम लिए सपा प्रमुख पर हमला बोला है।
मायावती ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख की मौजूदगी में ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खि़यों में है। वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है। यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन् 1993 में कांशीराम ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी। किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही।
इसी कड़ी में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था। वह बसपा को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत है।