लखनऊ। राजनेताओं के घर शादी जैसे आयोजन भी चर्चा का विषय बन जाते हैं और उसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाते हैं। इन दिनों यूपी की राजनीति में एक शादी काफी चर्चा में है।
यह शादी है बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद की, जो 26 मार्च को होनी है। इसमें खास बात यह है कि पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को तो निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन दूसरे दलों के नेताओं को नहीं बुलाया गया है। इस चर्चित राजनीतिक शादी में न पीएम को न्यौता दिया गया है और न ही यूपी के मुख्यमंत्री को, बल्कि किसी भी विपक्षी नेता को शादी का कार्ड नहीं मिला है।
सूत्रों का कहना है कि शादी में किसी विपक्षी नेता को निमंत्रण दिया भी नहीं जाएगा। आकाश की शादी यूं तो काफी पहले से तय है। अब शादी की तारीख भी नजदीक आ गई है। शादी की रस्में 26 मार्च को गुरुग्राम के ऐम्बिऐंस आइलैंड स्थित ए डॉट बाई जीएनएच वेन्यू पर होनी है। आकाश की शादी बसपा के ही नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी से होने जा रही है।
वह बसपा प्रमुख मायावती के काफी करीबी रहे हैं और मायावती के कहने पर ही 2008 में डॉक्टर की नौकरी छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे। एमएलसी और राज्यसभा सदस्य रहे और कई राज्यों के बसपा प्रभारी हैं। उनकी बेटी प्रज्ञा एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और एमडी की तैयारी कर रही हैं।
शादी की तारीख तय हो जाने के बाद से ही इस पर सबकी निगाह लगी हुई है कि इसमें बाराती कौन होंगे ? पार्टी के सांसदों और पदाधिकारियों का इंतजार तो पिछले हफ्ते खत्म हुआ, जब उनको शादी के कार्ड मिलने लगे। इसमें सांसदों के अलावा प्रदेश, मंडल और जिलों के भी कई पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने बताया कि सिर्फ पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और करीबी रिश्तेदारों को ही न्यौता गया है। दूसरे दलों के किसी नेता को नहीं बुलाया गया है। किसी विपक्षी दल के नेता को आमंत्रण न देने की वजह मानी जा रही है कि मायावती नहीं चाहतीं कि इसके राजनीतिक मायने निकाले जाएं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 28 मार्च को भी एक आयोजन रखा गया है। इसमें किसे बुलाया जाएगा, यह पूरी तरह गोपनीय रखा गया है। इसका निमंत्रण पार्टी के किसी नेता को भी नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार यह आयोजन नोएडा में हो सकता है।