लखनऊ । ताज कॉरिडोर घोटाले को लेकर सीबीआई मायावती पर शिकंजा कसने जा रही है। इससे उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती है। गौरतलब है कि सीबीआई ने 20 साल पुराने ताज कॉरिडोर घोटाला मामले में एक्शन लेना शुरु कर दिया है। इस घोटाले में सीबीआई को पहली अभियोजन स्वीकृति मिली है।
इसको लेकर अब एनपीसीसी के तत्कालीन एजीएम पर केस चलेगा और 22 मई को मामले में सुनवाई होगी। इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती और मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी फंस गए है। अब सीबीआई एक्शन ले रही है। जानकारी के अनुसार सीबीआई को महेंद्र शर्मा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली है। महेंद्र शर्मा नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम थे। वर्ष 2002 में मायावती ने ताजमहल और उसके आसपास के इलाके को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की थी।
तब 175 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ रुपए जारी किए गए थे।परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जिसके बाद जांच हुई थी। सीबीआई ने धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, साजिश समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
जानकारी के अनुसार नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड को इस कॉरिडोर करने का ठेका दिया गया था। तब आरोप लगा था कि पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिलने से पहले ही इस कॉरिडोर के लिए 17 करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में इस कॉरिडोर की पड़ताल करने के लिए आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले में 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। तब मायावती के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर गंभीर आरोप लगे थे। लेकिन मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही इस केस को चलाने की इजाजत देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद सीबीआई कोर्ट में चल रही जांच रुक गई थी।