Monday, April 28, 2025

शामली में भाकियू का विरोध प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पदाधिकारियों और सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने हरियाणा-पंजाब के शंभू-खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को जबरन हटाने के खिलाफ नाराजगी जताई और मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाने की मांग की। इस संबंध में किसानों ने देश के राष्ट्रपति के नाम एक पांच सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। भाकियू के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

मुज़फ्फरनगर में एमडीए ने चलाया बुलडोजर, 23 बीघा ज़मीन पर कट रही कॉलोनी की ध्वस्त

[irp cats=”24”]

शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भाकियू के बैनर तले सैकड़ों किसान शामली कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपति के नाम पांच सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले हरियाणा-पंजाब के शंभू-खनौरी बॉर्डर पर अपनी जायज मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों पर पुलिस द्वारा दमनकारी नीति अपनाई गई। पंजाब पुलिस ने जबरन बल प्रयोग कर धरना समाप्त करवाया, ट्रैक्टर-टोलियां और अन्य उपकरण तोड़ दिए, तथा किसानों का सामान जब्त कर लिया।

मुज़फ्फरनगर के शुक्रतीर्थ में बाढ़ रोकने के लिए सोलानी नदी के किनारे बनेगा बांध, बाढ से मिलेगा छुटकारा

किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार ने पुलिसिया दमन के जरिए किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की है। करनाल के पुष्पेंद्र बाठ के खिलाफ पुलिस की बर्बरता और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद लोगों के घरों को बुलडोजर से गिराने की घटनाएं लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हैं।

मुज़फ्फरनगर में सड़क हादसे में बाइक सवार की दर्दनाक मौत, मां और बेटी घायल, शादी समारोह से लौट रहे थे वापस

वहीं, केंद्र सरकार अमेरिका, यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही है। किसानों का मानना है कि यह समझौते राष्ट्रीय हितों और कृषि क्षेत्र के लिए हानिकारक साबित होंगे। इस समझौते से देश के कृषि एवं डेयरी क्षेत्र सहित छोटे व्यवसायों को भारी नुकसान होने की आशंका है।

किसानों मांग कि पंजाब में किसानों पर हो रहे पुलिस बल प्रयोग को तुरंत बंद किया जाए और लोकतांत्रिक अधिकार बहाल किए जाएं। धरना प्रदर्शन के दौरान जेल में बंद सभी किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए। किसानों के ट्रैक्टर-टोलियां सहित सभी जब्त किए गए उपकरण वापस किए जाएं। किसानों के क्षतिग्रस्त व चोरी हुए सामान की भरपाई पंजाब सरकार द्वारा कराई जाए। अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ चल रही मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता, जो राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है, तत्काल रोकी जाए।

किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय