पुणे। दौंड तालुका के परगांव में 18 से 24 जनवरी के बीच भीमा नदी जिन से सात लोगो के शव निकाले गए थे और इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था इस मामले की गंभीरता से पुनः जांच के लिए दफनाए गए तीन शवो को कब्रिस्तान से पुनः निकाले गए हैं।
परगाँव में 18 से 24 जनवरी के बीच भीमा नदी से सात शव निकाले गए। सामूहिक हत्या के इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस ने द्वारा जारी एक नई प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हत्याकांड में कथित रूप से शामिल एक नाबालिग लड़के को भी पकड़ा गया है। उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
एक ही परिवार के हैं ये सात मृतक
पुलिस ने मृतक की पहचान बीड जिले के गोरई तालुका के खामगाँव गाँव के निवासी 45 वर्षीय मोहन उत्तम पवार, उनकी पत्नी 40 साल की संगीता पवार उनके दामाद 28 साल के शामराव पंडित फुलवारे, 24 साल की बेटी रानी फुलावरे और उसके बच्चे सात साल के रितेश, 5 साल के छोटू, और 3 साल की कृष्णा। ये सभी मूल तौर पर उस्मानाबाद जिले के वाशी तालुका के हटोले गांव के निवासी हैं। पुलिस ने कहा है कि संगीता, रानी और शामराव के शवों को दौंड तहसीलदार की मौजूदगी में कब्र से निकाला गया और फिर से पोस्टमार्टम के लिए ससून अस्पताल ले जाया गया और इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
18 से 24 जनवरी को नदी से निकाले गए थे शव
मामले की जांच कर रही पुलिस टीम के मुताबिक पहला शव 18 जनवरी को मिला था। 20 से 22 जनवरी के बीच तीन और शव मिले थे, जबकि 23 जनवरी को पुणे महानगर विकास प्राधिकरण की एक टीम ने तीनों बच्चों के शव नदी से निकाले थे। यवत के एक सरकारी अस्पताल में किए गए संगीता पवार, रानी फुलवारे और शामराव फुलावरे के शवों के पोस्टमार्टम से पता चला कि डूबने से उनकी मौत हुई है। बाकी शवों का ससून अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
रिश्तेदारों ने की थी हत्या, इन पांच को गिरफ्तार किया गया
अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, पुलिस जांच से संकेत मिलता है कि मृतकों की हत्या उनके रिश्तेदारों ने की थी। हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें पवार के चचेरे भाई 39 साल के अशोक कल्याण पवार, 35 साल के शाम कल्याण पवार, 37 साल के शंकर कल्याण पवार, 24 साल के प्रकाश कल्याण पवार, और एक 45 साल की महिला कांताबाई सरजेराव जाधव शामिल थे। ये सभी आरोपी अहमदनगर जिले के पारनेर तालुका अंतर्गत निघोज के रहने वाले हैं।
इन धाराओं में दर्ज किया गया केस
सभी आरोपियों के खिलाफ यवत थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120बी, 506 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने कहा कि आरोपी अशोक पवार के बेटे धनंजय की कुछ महीने पहले वाघोली में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। अशोक और उसके परिवार को शक था कि मनोज पवार और उसका बेटा अनिल धनंजय की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। हत्या कथित तौर पर बदले की भावना से की गई बताई जा रही है।
बदले की भावना में हत्याकांड, कई अहम सबूत बरामद
पुलिस ने कहा कि आरोपियों द्वारा अपराध को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया एक चार पहिया वाहन भी जब्त किया गया है। जांच टीम को संदेह है कि आरोपियों ने हत्या के बाद मृतकों के शवों को इसी वाहन से नदी में फेंक दिया था। पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं।