गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और पुलिस के बीच रामचरितमानस कलश यात्रा को लेकर विवाद गहरा गया। इस दौरान पुलिस के साथ हुई नोकझोंक में विधायक के कपड़े तक फट गए। इस घटना के बाद विधायक ने अपनी ही सरकार और पुलिस पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया, साथ ही प्रमुख गृह सचिव पर भी गंभीर आरोप लगाए।
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विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस घटना के विरोध में 28 जनवरी तक अपने फटे हुए कपड़ों को न बदलने और नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था। उनका कहना था कि पुलिस की इस कार्रवाई ने लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद जब मामला तूल पकड़ने लगा और सरकार की छवि प्रभावित होती दिखी, तो भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक नंदकिशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी कर आठ दिनों के भीतर जवाब देने को कहा।
आज विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पार्टी को अपना जवाब भेज दिया। उन्होंने कहा कि”मेरे लिए संगठन सर्वोपरि है, लेकिन लोनी में पुलिस की बर्बरता की सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता।”संगठन की टीम लोनी भेजकर पुलिस की बर्बरता की पुष्टि की जा सकती है।””बड़े अधिकारियों के इशारे पर पुलिस ने कलश यात्रा को रोकने का षड्यंत्र रचा।””पथराव की आड़ में पुलिस मुझे एनकाउंटर करना चाहती थी।””अनुमति मिलने के बावजूद पुलिसिया दमन किसी गहरे षड्यंत्र का हिस्सा था।””भ्रष्टाचार और गरीबों की आवाज उठाने के कारण मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई।””महिलाओं, भाजपा पार्षदों, कार्यकर्ताओं और बच्चों तक को पुलिस ने नहीं बख्शा।”
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सवाल किया, “क्या रामकथा का आयोजन करना गुनाह है? अगर यह गुनाह है, तो मैं इस पर पुनर्विचार करूंगा।”
विधायक ने ऐलान किया कि वे पुलिस की बर्बरता के वीडियो और सबूत प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और संगठन मंत्री को सौंपेंगे, ताकि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके।