नयी दिल्ली/काहिरा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मिस्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और वर्ष 2023 पहले से ही दोनों देशों के लिए एक उल्लेखनीय साल रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह बात शनिवार को काहिरा में अपने मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मदबौली के साथ एक गोलमेज बैठक के दौरान कही।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार बैठक के बाद श्री मोदी ने बयानों में कहा कि उन्होंने अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर अपने मिस्र के समकक्ष की सकारात्मक राय को ध्यान से सुना और प्रस्तावों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
श्री मोदी ने कहा, “यह हमारे साझा संबंधों के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष है। इस वर्ष की शुरुआत में राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत का दौरा किया, जहां हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। ”
उन्होंने कहा कि सितंबर में नयी दिल्ली में होने वाली जी20 बैठकों में भाग लेने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति को फिर से भारत में आमंत्रित करना उनके लिए सम्मान की बात है।
श्री मोदी ने कहा कि मिस्र और भारत अगले पांच वर्षों के भीतर द्विपक्षीय व्यापार में 12 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में ही भारतीय कंपनियों ने मिस्र में लगभग 17 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
राष्ट्रपति के निमंत्रण के बाद यह श्री मोदी की पहली मिस्र यात्रा है।
भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते के मुताबिक 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की काहिरा की यह पहली यात्रा है। श्री मोदी ने बैठक में उपस्थित लोगों से कहा, “आपमें से कुछ लोगों ने हाल ही में भारत का दौरा किया है और यहां मैं कहना चाहूंगा कि दोनों पक्षों के बीच नियमित यात्राओं से द्विपक्षीय संबंध सक्रिय रूप से बढ़ेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिस्र कैबिनेट में ‘भारत इकाई’ से मुलाकात कर रहे थे, जिसे इस साल की शुरुआत में मिस्र के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के बाद स्थापित किया गया था। भारत इकाई का नेतृत्व प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली करते हैं और इसमें कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले सप्ताह स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र के अध्यक्ष की भारत यात्रा सफल रही और इससे अन्य भारतीय कंपनियों को मिस्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच बढ़ता सहयोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि कई भारतीय कंपनियां हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश कर रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि वह मिस्र की अपनी अगली यात्रा पर नई प्रशासनिक राजधानी का दौरा करना चाहेंगे।
मिस्र के प्रधानमंत्री मदबौली ने अपनी ओर से दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों सरकारों के दृढ़ संकल्प की पुष्टि की।
श्री मदबौली ने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ता व्यापार आदान-प्रदान, जो 2022 में 7 अरब डॉलर तक पहुंच गया, अगले पांच वर्षों में 12 अरब डॉलर तक जाने की संभावना दिखाता है। इस संबंध में जुलाई 2022 में आयोजित संयुक्त व्यापार समिति की बैठक के दौरान सहमति हुई थी।
उन्होंने मिस्र में भारतीय निवेश के मौजूदा स्तर की सराहना की, जो 3.5 अरब डॉलर है और कहा कि देश अधिक भारतीय पूंजी प्राप्त करने के लिए तैयार है।
समाचार पत्र ‘अहराम ऑनलाइन’ ने कहा कि श्री मदबौली ने मिस्र और क्षेत्र में भारतीय निवेश के लिए आशाजनक वृद्धि के उदाहरण के रूप में पिछले सप्ताह स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र प्राधिकरण के अधिकारियों की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों का हवाला दिया।
मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने देशों के बीच रणनीतिक संबंध विकसित करने में मिस्र की उत्सुकता पर जोर दिया और रुचि व्यक्त की कि भारत मिस्र को गेहूं का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मिस्र भी स्वास्थ्य सेवा और दवा उत्पादन के क्षेत्र में भारत के साथ अधिक सहयोग चाहता है, इस तरह के सहयोग के एक मॉडल के रूप में शहर में एक वैक्सीन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए एक भारतीय कंपनी और मिस्र की वीएसीएसइआरए के बीच साझेदारी का हवाला दिया। मिस्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों द्वारा अधिक निवेश का स्वागत करता है, विशेष रूप से स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में।
श्री मदबौली ने कहा कि मिस्र सरकार भारतीय कंपनियों को देश में अपने निवेश को लागू करने और विस्तार करने के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान करने की इच्छुक है।
उन्होंने घोषणा की कि देश का राष्ट्रीय वाहक ‘ इजिप्टएयर’ काहिरा और मुंबई के बीच मौजूदा उड़ानों के अलावा, दोनों देशों के बीच हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के एक कदम के रूप में काहिरा और नई दिल्ली के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने जा रहा है। मिस्र ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन, भोजन की कमी से निपटने और विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण सुनिश्चित करने के लिए इष्टतम दृष्टिकोण विकसित करने के लिए जी20 की भारतीय अध्यक्षता के साथ काम करेगा।
मिस्र की ओर से बैठक में विदेश मंत्री समेह शौकरी, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री मोहम्मद शकर, योजना और आर्थिक विकास मंत्री हला अल-सईद, अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री रानिया अल-मशात, वित्त मंत्री मोहम्मद मैत, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अम्र तलत और व्यापार और उद्योग मंत्री अहमद समीर ने भाग लिया।