बेंगलुरु – कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने शनिवार को सफाई दी कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया तथा उन्होंने (श्री शिवकुमार) बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी न करके प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया है क्योंकि वे लोग प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश का पालन कर रहे थे।
श्री शिवकुमार ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (इसरो) वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की बेंगलुरु यात्रा के दौरान कथित प्रोटोकॉल उल्लंघन के विवाद के बीच यह स्पष्टीकरण दिया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा,“राजनीति खत्म हो गई है और अब विकास का समय है। कर्नाटक संस्कृति का राज्य है और हमने तय किया था कि हममें से कोई एक किसी भी समय प्रधानमंत्री का स्वागत करेगा, लेकिन हमारे पास प्रधानमंत्री कार्यालय से एक विज्ञप्ति आई थी, इसलिए हमने ऐसा नहीं किया।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि उन्होंने श्री सिद्दारमैया और श्री शिवकुमार से एचएएल हवाई अड्डे पर उनका स्वागत न करने के लिए कहा था क्योंकि यूनान से बेंगलुरु पहुंचने में उनके आगमन में देरी हो सकती थी।
श्री मोदी ने कहा,“मैं खुद को यहां आने से नहीं रोक सका, क्योंकि मैं विदेश में था। इसलिए मैंने पहले बेंगलुरु आकर वैज्ञानिकों का स्वागत करने का फैसला किया। चूंकि मैं दूर से आ रहा था, इसलिए देरी होने की संभावना थी और इसलिए मैंने मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल (श्री थावरचंद गहलोत) से अनुरोध किया था कि इतनी सुबह आकर मुझे लेने की जहमत मत उठाईए। मैं उनके सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।”
दिलचस्प बात यह है कि मुख्य सचिव वंदिता शर्मा, पुलिस महानिदेश (डीजी) आलोक मोहा, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद, बेंगलुरु के क्षेत्रीय आयुक्त अमलान विश्वास और बेंगलुरु के उपायुक्त के.ए. दयानंद ने प्रधानमंत्री की अगवानी की।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने भी एचएएल हवाई अड्डा के बाहर लगे बैरिकेट के पीछे खड़े होकर श्री मोदी का स्वागत किया।