मेहसाणा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) के न्यू भांडू – न्यू साणंद खंड का सोमवार को लोकार्पण किया , उसके चालू हो जाने से अहमदाबाद एवं दिल्ली के बीच रेलमार्ग पूरी तरह से मालगाड़ी मुक्त हो जाएगा और इससे नयी गाड़ियों का परिचालन एवं ट्रेनों की रफ्तार वृद्धि संभव हो सकेगा।
मेहसाणा जिले के खेरालू में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने लगभग 5800 करोड़ रुपये की रेल, सड़क, पेयजल एवं सिंचाई आदि कई क्षेत्रों में परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इनमें पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारे (डब्ल्यूडीएफसी) का न्यू भांडू-न्यू साणंद (एन) खंड, विरमगाम-सामाखियाली रेल लाइन का दोहरीकरण, कटोसन रोड- बेचराजी – मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल साइडिंग) रेल परियोजना, मेहसाणा और गांधीनगर जिले के विजापुर तालुका और मनसा तालुका की विभिन्न ग्राम झीलों के पुनर्भरण के लिए परियोजना, मेहसाणा जिले में साबरमती नदी पर वलसाना बैराज, पालनपुर, बनासकांठा में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए दो योजनाओं और धरोई बांध आधारित पालनपुर जीवन रेखा परियोजना – प्रमुख कार्य (एचडब्ल्यू) और 80 एमएलडी क्षमता का जल उपचार संयंत्र के उद्घाटन भी शामिल है।
बाद में प्रधानमंत्री ने गुजराती भाषा में अपने संबोधन में कहा कि रेलवे की परियोजनाओं के लोकार्पण से उत्तर गुजरात में हर तरह की कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।
भारतीय समर्पित मालवहन काॅरीडोर निगम लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के अधिकारियों के अनुसार न्यू भांडू से गांधीनगर जिले में न्यू साणंद के बीच डीएफसी का खंड माल यातायात के लिए खुलने से पेट्रोलियम पदार्थों, डेयरी उत्पादों तथा अन्य वस्तुओं के परिवहन को गति मिलेगी। लगभग 77 किमी लंबी विद्युतीकृत डबल लाइन और 24 किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग लाइनों के साथ पश्चिमी डीएफसी का न्यू भांडू – न्यू साणंद (उत्तर) खंड गुजरात में अहमदाबाद, गांधी नगर और महेसाणा जिलों से होकर गुजरता है।
डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के अनुसार इस खंड के चालू होने से भारतीय रेलवे के अहमदाबाद दिल्ली मार्ग पर मालगाड़ियों के लिए समूचे भाग में डीएफसी की लाइन उपलब्ध हो गई है और अधिकतर मालगाड़ियों के डीएफसी पर शिफ्ट होने से रेलवे लाइन पर अधिक गाड़ियों को चलाना और गति बढ़ाना संभव होगा।
अधिकारियों के अनुसार इस खंड पर 19 प्रमुख पुल, 105 छोटे पुल, 5 रेल फ्लाईओवर, 81 रोड अंडर ब्रिज (लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर) और 6 रोड ओवर ब्रिज हैं। इस खंड में दो डीएफसी स्टेशन – न्यू घुमासन क्रॉसिंग स्टेशन और न्यू साणंद (एन) जंक्शन स्टेशन हैं। इस खंड पर छह रोड ओवर ब्रिज और 81 अंडरपास बनाए गए हैं। इस खंड की कुल परियोजना लागत लगभग 3,184 करोड़ रुपये है।
पश्चिमी डीएफसी के इस खंड के खुलने से गुजरात में पीपावाव, पोरबंदर, जामनगर जैसे प्रमुख बंदरगाहों पर आयात निर्यात के लिए माल यातायात की गति बढ़ जाएगी और पारगमन समय को काफी कम हो जाएगा। डीएफसी के माध्यम से पूर्वी और उत्तरी भारत के साथ कनेक्टिविटी सुगम होगी तथा विरमगाम, जखवाड़ा, डेट्रोज, लिंच के फ्रेट टर्मिनलों और जामनगर क्षेत्र (सिक्का, रिलायंस और एस्सार टर्मिनल, मीठापुर) में माल लोडिंग केंद्रों और साणंद में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के लिए माल परिवहन की लागत भी घटेगी। आणंद में डेयरी उद्योग, जामनगर में तेल रिफाइनरी और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरीडोर से भी कनेक्टिविटी आसान होगी।
अधिकारियों के अनुसार डीएफसी ने मालगाड़ियों की प्रभावशाली औसत गति भी हासिल की है। मालगाड़ियों की उच्चतम गति 99.82 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है। डीएफसी के नेटवर्क पर मालगाड़ियों की औसत गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा है जो भारतीय रेलवे की लाइन पर औसत गति तुलना में बहुत अधिक है।