अयोध्या – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या को रामायण काल के वैभव के स्तर पर विकसित करने का संकल्प व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि वह पुरातन की दिव्यता एवं भव्यता तथा नूतन की आधुनिकता दोनों को आत्मसात करते हुये भारत को विकसित बनाने के लिये कृतसंकल्प हैं।
श्री मोदी ने शनिवार को अयोध्या में 15700 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुये यह बात कही। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं बृजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुये लोगों से 22 जनवरी के दिन अयोध्या न आने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया 22 तारीख को होने वाले ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रही है। उन्होंने अपील की है कि वह मकर सक्रांति से 22 जनवरी 2023 तक स्वच्छता अभियान चलाये और पूरी देशवासी अपने-अपने घरों में दीपक जलाये।
श्री मोदी ने कहा, “मेरा सभी रामभक्तों से आग्रह है कि 22 जनवरी को एक बार विधिपूर्वक कार्यक्रम हो जाने के बाद, अपनी सुविधा के अनुसार वे अयोध्या आये, अयोध्या आने का मन 22 जनवरी को न बनायें। आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण (नवनिर्मित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह) का इंतजार कर रही है। ऐसे में अयोध्या वासियों में यह उत्साह, यह उमंग बहुत स्वाभाविक है।”
उन्होंने कहा, “ भारत की मिट्टी के कण-कण औऱ भारत के जन-जन का मैं पुजारी हूं और मैं भी आपकी तरह उतना ही उत्सुक हूं। हम सभी का ये उत्साह, ये उमंग, थोड़ी देर पहले अयोध्याजी की सड़कों पर भी पूरी तरह नजर आ रहा था। ऐसा लगता था कि पूरी अयोध्या नगरी ही सड़क पर उतर आयी हो। इस प्यार, इस आशीर्वाद के लिये मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ”
उन्होंने कहा, “मेरे साथ बोलिये- सियावर राम चंद्र की…जय। सियावर राम चंद्र की…जय। सियावर राम चंद्र की…जय।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में आज की तारीख (30 दिसंबर) बहुत ही ऐतिहासिक रही है। आज के ही दिन, 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान में झंडा फहरा कर भारत की आजादी का जयघोष किया था। आज़ादी के आंदोलन से जुड़े ऐसे पावन दिवस पर, आज हम आजादी के अमृतकाल के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। आज विकसित भारत के निर्माण को गति देने के अभियान को अयोध्या नगरी से नयी ऊर्जा मिल रही है। आज यहां 15 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। आधारभूत ढांचों से जुड़े ये काम, आधुनिक अयोध्या को देश के नक्शे पर फिर से गौरव के साथ स्थापित करेंगे। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच ये कार्य अयोध्यावासियों के अथक परिश्रम का परिणाम है। मैं सभी अयोध्या वासियों को इन परियोजनाओं के लिए अनेक-अनेक बधाई देता हूं।
श्री मोदी ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नयी ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत, हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। इसलिये आज का भारत, पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब यहीं अयोध्या में राम लला टेंट में विराजमान थे। आज पक्का घर सिर्फ राम लला को ही नहीं बल्कि पक्का घर देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। आज भारत अपने तीर्थों को भी संवार रहा है, तो वहीं डिजिटल टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी हमारा देश छाया हुआ है। आज भारत काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निमाण के साथ ही देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन भी बनवा रहा है। आज देश में सिर्फ केदार धाम का पुनरुद्धार ही नहीं हुआ है बल्कि 315 से ज्यादा नये मेडिकल कॉलेज भी बने हैं। आज देश में महाकाल महालोक का निर्माण ही नहीं हुआ है बल्कि हर घर जल पहुंचाने के लिए पानी की दो लाख से ज्यादा टंकियां भी बनवायी हैं। हम चांद, सूरज और समुद्र की गहराइयों को भी नाप रहे हैं, तो अपनी पौराणिक मूर्तियों को भी रिकॉर्ड संख्या में भारत वापस ला रहे हैं। आज के भारत का मिजाज़, यहां अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन बाद यहां परंपरा का उत्सव भी होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। यही तो भारत है। विकास और विरासत की यही साझा ताकत, भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जायेगी।
श्री मोदी ने कहा कि प्राचीन काल में अयोध्यानगरी कैसी थी, इसका वर्णन खुद महर्षि वाल्मीकि जी ने विस्तार से किया है। उन्होंने लिखा है – कोसलो नाम मुदितः स्फीतो जनपदो महान्। निविष्ट सरयूतीरे प्रभूत-धन-धान्यवान्। अर्थात्, वाल्मीकि जी बताते हैं कि महान अयोध्यापुरी धन-धान्य से परिपूर्ण थी, समृद्धि के शिखर पर थी, और आनंद से भरी हुई थी। यानी, अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य तो था ही, उसका वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी की उसी पुरातन पहचान को हमें आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अयोध्या नगरी, अवध क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को ये हमारी अयोध्या दिशा देने वाली है। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि होगी। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार, अयोध्या में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य करा रही है, अयोध्या को स्मार्ट बना रही है। आज अयोध्या में सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है, नए फुटपाथ बन रहे हैं। आज अयोध्या में नये फ्लाईओवर बन रहे हैं, नये पुल बन रहे हैं। अयोध्या को आसपास के जिलों से जोड़ने के लिए भी यातायात के साधनों को सुधारा जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा, “ आज मुझे अयोध्या धाम एयरपोर्ट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। मुझे खुशी है कि अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है। महर्षि वाल्मीकि ने हमें रामायण के माध्यम से प्रभु श्रीराम के कृतित्व से परिचित करवाया। महर्षि वाल्मीकि के लिये प्रभु श्रीराम ने कहा था- “तुम त्रिकालदर्शी मुनिनाथा, विस्व बदर जिमि तुमरे हाथा।” अर्थात, हे मुनिनाथ! आप त्रिकालदर्शी हैं। सम्पूर्ण विश्व आपके लिये हथेली पर रखे हुए बेर के समान है। ऐसे त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर अयोध्या धाम एयरपोर्ट का नाम, इस एयरपोर्ट में आने वाले हर यात्री को धन्य करेगा। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वह ज्ञान मार्ग है, जो हमें प्रभु श्रीराम से जोड़ती है। आधुनिक भारत में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या धाम, हमें दिव्य-भव्य-नव्य राम मंदिर से जोड़ेगा। जो ये नया एयरपोर्ट बना है, उसकी क्षमता हर साल 10 लाख यात्रियों को सेवा करने की क्षमता है। जब इस एयरपोर्ट के दूसरे चरण का काम भी पूरा हो जायेगा तो महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हर साल 60 लाख यात्रियों का आवागमन हो सकेगा। अभी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर हर रोज 10-15 हजार लोगों की सेवा करने की क्षमता है। स्टेशन का पूरा विकास होने के बाद अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 60 हजार लोग आ और जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशनों के अलावा आज यहां अनेक पथों का, मार्गों का भी लोकार्पण हुआ है। रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्रीराम जन्मभूमि पथ से आवाजाही और सुगम होगी। अयोध्या में आज ही कार पार्किंग स्थलों का लोकर्पण किया गया हैI नये मेडिकल कॉलेज से यहां आरोग्य की सुविधाओं को और विस्तार मिलेगा। सरयू जी की निर्मलता बनी रहे, इसके लिये भी डबल इंजन सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरयू जी में गिरने वाले दूषित पानी को रोकने के लिये भी काम शुरू हुआ है। राम की पैड़ी को एक नया स्वरूप दिया गया है। सरयू के किनारे नये-नये घाटों का विकास हो रहा हैI यहां के सभी प्राचीन कुंडों का पुनरुद्धार भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लता मंगेशकर चौक हो या राम कथा स्थल ये अयोध्या की पहचान बढ़ा रहे हैं। अयोध्या में बनने जा रही नयी टाउनशिप यहां के लोगों का जीवन और आसान बनायेगी। विकास के इन कार्यों से अयोध्या में रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर भी बनेंगे। इससे यहां के टैक्सी वाले, रिक्शा वाले, होटल वाले, ढाबे वाले, प्रसाद वाले, फूल बेचने वाले, पूजा का सामग्री बेचने वाले, हमारे छोटे-मोटे दुकानदार भाई, सभी की आय बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि आज यहां आधुनिक रेलवे के निर्माण की तरफ एक और बड़ा कदम देश ने उठाया है। वंदे भारत और नमो भारत के बाद, आज एक और आधुनिक ट्रेन देश को मिली है। इस नयी ट्रेन सीरीज का नाम अमृत भारत ट्रेन रखा गया है। वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत ट्रेनों की ये त्रिशक्ति, भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने जा रही है। इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है कि ये पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से गुजर रही है। दिल्ली-दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन, दिल्ली-यूपी-बिहार के लोगों की यात्रा को आधुनिक बनायेगी। इससे बिहार के लोगों के लिये भव्य राममंदिर में विराजने जा रहे रामलला के दर्शन को और सुगम बनायेगी। श्री मोदी ने कहा कि ये आधुनिक अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, विशेष रूप से हमारे गरीब परिवार, हमारे श्रमिक साथियों को बहुत मदद करेंगी। श्रीराम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है- “पर हित सरिस धरम नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।’ अर्थात, दूसरों की सेवा करने से बड़ा और कोई धर्म, कोई और कर्तव्य नहीं है। आधुनिक अमृत भारत ट्रेनें गरीब की सेवा इसी भावना से ही शुरू की गयी हैं। जो लोग अपने काम के कारण अक्सर लंबी दूरी का सफर करते हैं, जिनकी उतनी आमदनी नहीं है, वे भी आधुनिक सुविधाओं और आरामदायक सफर के हकदार हैं।
श्री मोदी ने कहा कि विकास और विरासत को जोड़ने में वंदे भारत एक्सप्रेस बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। देश की पहली वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन, काशी के लिये चली थी। आज देश के 34 मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। काशी, वेष्णो देवी के लिए कटरा, उज्जैन, पुष्कर, तिरुपति, शिरडी, अमृतसर, मदुरै, आस्था के ऐसे हर बड़े केंद्रों को वंदे भारत जोड़ रही है। इसी कड़ी में आज अयोध्या को भी वंदे भारत ट्रेन का उपहार मिला है। आज अयोध्या धाम जंक्शन – आनंद विहार वंदे भारत शुरू की गयी है। इसके अलावा आज कटरा से दिल्ली, अमृतसर से दिल्ली, कोयम्बटूर-बेंगलुरु, मैंगलुरु – मडगांव, जालना- मुंबई इन शहरों के बीच भी वंदे भारत की नयी सेवायें शुरू हुयी हैं। वंदे भारत में गति भी है, वंदे भारत में आधुनिकता भी है और वंदे भारत में आत्मनिर्भर भारत का गर्व भी है। बहुत ही कम समय में वंदे भारत से डेढ़ करोड़ से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं। विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को ये ट्रेन बहुत पसंद आ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह ऐतिहासिक क्षण, बहुत भाग्य से हम सभी के जीवन में आया है। हमें देश के लिए नव संकल्प लेना है, खुद को नयी ऊर्जा से भरना है। इसके लिए 22 जनवरी को आप सभी अपने घरों में, मैं पूरे देश के 140 करोड़ देशवासियों को अयोध्या की इस पवित्र भूमि से प्रार्थना कर रहा हूं, अयोध्या की प्रभु राम की नगरी से प्रार्थना कर रहा हूं,
मैं 140 करोड़ देश्वासियों को हाथ जोड़कर के प्रार्थना कर रहा हूं, कि आप 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु राम विराजमान हों, अपने घरों में भी श्रीराम ज्योति जलाएं, दीपावली मनाएं।”
श्री मोदी ने कहा कि अयोध्या में सबका पहुंचना बहुत मुश्किल है और इसलिये सभी राम भक्तों को, देशभर के राम भक्तों को, उत्तर प्रदेश के विशेषकर के राम भक्तों को मेरा हाथ जोड़कर के प्रणाम के साथ प्रार्थना है। मेरा आग्रह है कि 22 जनवरी को एक बार विधिपूर्वक कार्यक्रम हो जाने के बाद, 23 जनवरी के बाद, अपनी सुविधा के अनुसार वे अयोध्या आयें। उन्होंने कहा कि 550 साल इंतजार किया हैं, कुछ दिन और इंतजार कीजिये और इसलिये सुरक्षा के लिहाज से, व्यवस्था के लिहाज से, मेरी आप सबसे बार-बार प्रार्थना है कि कृपा कर, क्योंकि अब प्रभु राम के दर्शन अयोध्या का नव्य, भव्य, दिव्य मंदिर आने वाली सदियों तक दर्शन के लिये उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ मैं बार-‘बार आग्रह करता हूं कि 22 जनवरी को यहां पहुंचने का प्रयास न करें। कुछ ही लोगों को निमंत्रण गया है, वे लोग आयेंगे और 23 जनवरी के बाद सारे देश्वासियों के लिए आना बड़ा सरल हो जाएगा।”
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा अब से कुछ देर पहले मुझे अयोध्या नगरी में ही एक और सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आज मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उज्जवला गैस कनेक्शन की 10 करोड़वीं लाभार्थी बहन के घर मुझे जाकर के चाय पीने का मौका मिला। जब एक मई, 2016 को हमने उत्तर प्रदेश के बलिया से उज्ज्वला योजना शुरू की थी, तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि ये योजना, सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचेगी। इस योजना ने करोड़ों परिवारों का, करोड़ों माताओं-बहनों का जीवन हमेशा के लिये बदल दिया है, उन्हें लकड़ी के धुयें से मुक्ति दिलाई है। उन्होंने कहा, “ हमारे देश में गैस कनेक्शन देने का काम 60-70 साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन 2014 तक हालत ये थी कि 50-55 साल में सिर्फ 14 करोड़ गैस कनेक्शन ही दिये गये थे, जबकि हमारी सरकार ने एक दशक में 18 करोड़ नये गैस कनेक्शन दिये हैं और इस 18 करोड़ में 10 करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त में उज्ज्वला योजना के तहत दिये गये हैं। जब गरीब की सेवा की भावना हो, जब नीयत नेक हो तो इसी तरह से काम होता है, इसी तरह के नतीजे मिलते हैं। आजकल कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मोदी की गारंटी में इतनी ताकत क्यों है, “मोदी की गारंटी में इतनी ताकत इसलिये है क्योंकि मोदी जो कहता है, वह करने के लिए जीवन खपा देता है। मोदी की गारंटी पर आज देश को इसलिये भरोसा है…क्योंकि मोदी जो गारंटी देता है, उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता है। ये अयोध्या नगरी
भी तो इसकी साक्षी है और मैं आज अयोध्या के लोगों को फिर से विश्वास दूंगा कि इस पवित्र धाम के विकास में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। श्रीराम हम सभी पर आशीर्वाद रखें।”