भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि विधानसभा के सदस्य बनने के बाद विधायकों पर दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है, एक अपनी विधानसभा की और साथ-साथ प्रदेश की बेहतरी की भी।
डॉ यादव यहां विधानसभा में मध्यप्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का भी संबोधन हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रबोधन का अर्थ यह है कि प्रशिक्षण के पहले हम उस विषय में डूब जाएं, हमारे आचरण में, व्यवहार, ज्ञान में एवं अपने सूक्ष्म शरीर, बाह्य शरीर को एकाकार करने का जो भाव, अगर हम धारण करते हैं तो इसका मतलब प्रबोधन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार लोकतंत्र के मंदिर, संसद की चौखट पर अपना सिर झुका कर जो अहसास कराया है, उससे बड़ा प्रबोधन आज के लोकतंत्र का नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा हो या विधानसभा, वहां के सदस्य एक बड़ी आबादी के माध्यम से लाखों मतदाताओं का मान, सम्मान, भाव एवं विश्वास लेकर विधानसभा में आते हैं। विधानसभा में आने के बाद निश्चित रूप से विधायक दोहरी जिम्मेदारी लेकर आते हैं। एक अपनी विधानसभा का दायित्व तो होता ही है, साथ ही साथ प्रदेश की बेहतरी का दायित्व भी होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम विधानसभा में प्रवेश करते हैं, तब यह विधानसभा जीवन में कई नए पाठ सीखने के लिए पाठशाला की तरह काम आती है।