शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देने के ठीक एक दिन बाद ही इसका रौद्र रूप देखने को मिला है। राज्य के विभिन्न भागों में मानसूनी वर्षा ने जमकर कहर बरपाया है। शनिवार रात हुई मूसलाधार वर्षा से 13 गाड़ियां मलबे में दब गईं। छह घरों को नुकसान पहुंचा, जिनमें चार घर पूर्ण रूप से तबाह हो गए, जबकि दो घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा बादल फटने के बाद आई बाढ़ में बहने से 35 बकरियों की मौत हो गई।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक कूल्लु उपमंडल में भारी वर्षा के चलते मोहाल खड्ड में बाढ़ आ गई, जिससे खड्ड के किनारे पार्क की गईं पांच कारें और तीन ट्रैक्टर बह गए। मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर और जोगेंद्रनगर में भारी वर्षा से एक पशुशाला और एक घर को नुकसान पहुंचा है। सुंदरनगर में कई घरों में पानी घुस गया है।
सोलन जिला के अर्की उपमंडल में बादल फटने के बाद आये बाढ़ के सैलाब ने कहर बरपाया और 35 बकरियां बह गईं। चम्बा जिला के भरमौर उपमंडल की होली तहसील में खडामुख में एक कार (एचपी 46-3503) अनियंत्रित होकर एनएचपीसी-2 प्रोजेक्ट के डैम में जा गिरी। कार में सवार सभी लोग लापता हैं। भरमौर पुलिस इनके रेस्क्यू में जुट गई है। रविवार सुबह तक राज्य भर में भूस्खलन से दो नेशनल हाइवे समेत 124 सड़कें अवरुद्ध रहीं। इसके अलावा 151 ट्रांसफार्मर और छह पेयजल स्कीमें भी ठप रहीं।
मौसम विभाग के अनुसार मंडी जिला के सरकाघाट में सर्वाधिक 130 मिमी वर्षा हुई है, जबकि मंडी में 92, सिरमौर के धौलाकुआं में 90, नाहन में 76, पच्छाद में 72, मंडी के बाघी में 65 और शिमला के नारकंडा में 64 मिमी वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे यानी सोमवार को राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया है। 29 जून तक मौसम के खराब रहने का अनुमान है।