शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है। मानसून के आगमन के बाद प्रदेश भर में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। हर साल मानसून सीजन में आपदा की वजह से सैकड़ों लोग काल के मुंह में समा जाते हैं, वहीं सैकड़ों मकान भी तबाह हो जाते हैं। इस बार मानसून ने 24 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी, तब से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है।
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन के 18 दिनों में प्रदेश भर में वर्षाजनित हादसों में 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 92 लोग ऐसे हैं जो घायल हुए हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं। बात सिर्फ इंसानों की नहीं है बल्कि सैंकड़ों छोटे बड़े पशु भी काल के मुंह में समा गए। नुकसान की अगर बात की जाए तो विभिन्न सरकारी महकमों में 1080 करोड़ की संपत्ति खाक हुई है।
रिपोर्ट के आंकड़ों पर नज़र डालें तो भूस्खलन, बाढ़ एवं बादल फटने की घटनाओं में 26 लोग मारे गए हैं। वहीं सड़क दुर्घटनाओं समेत अन्य वर्षा जनित हादसों में 70 लोगों की मौत हुई।
किस जिले में कितनी मौंतेंः शिमला में सबसे ज्यादा 17 लोगों की मौत हुई जबकि कुल्लू में 16, चम्बा में सात, हमीरपुर में चार, सिरमौर में तीन, बिलासपुर, किन्नौर, मंडी और सोलन में दो-दो और ऊना जिला में एक मौत हुई है। इसके अलावा सड़क हादसों में 24 लोगों की जान गई है। इनमें शिमला व कुल्लू में छह-छह, सोलन में चार व चम्बा में तीन लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 471 पशु आपदा की चपेट में आकर मारे गए हैं।
भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से 79 घर पूरी तरह धराशायी हो गए। जबकि 333 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त आठ दुकानें और 296 पशुशालाएं भी ध्वस्त हो गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में 1050 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग को 616 करोड़, जल शक्ति विभाग को 350 करोड़, बागवानी विभाग को 70 करोड़, शहरी विकास विभाग को 3.15 करोड़ और बिजली बोर्ड को 92 लाख रुपये की क्षति हुई।
मानसून सीजन में भूस्खलन की 41, बाढ़ की 29 और बादल फटने की एक घटना हुई है।
भूस्खलन से 1299 सड़कें बंद, 3737 पेयजल परियोजनाएं और 2577 बिजली ट्रांसफार्मर खराब
प्रदेश में पिछले तीन दिन मुसलाधार वर्षा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि मंगलवार को वर्षा में कमी तो आई लेकिन दुश्वारियां कम नहीं हुईं। राज्य में अभी भी 1299 सड़कें अवरुद्ध हैं। लोकनिर्माण विभाग के शिमला ज़ोन में 807, मंडी ज़ोन में 326, कांगड़ा ज़ोन में 112 औऱ हमीरपुर ज़ोन में 49 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा तीन नेशनल हाइवे भी बंद हैं। अत्यधिक वर्षा से जलस्रोतों में गाद भरने से पूरे राज्य में 3737 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हैं। जलशक्ति विभाग के धर्मशाला सर्किल में 311, चम्बा में 553, नूरपुर में 129, सुंदरनगर में 475, कुल्लू में 193, लाहौल-स्पीति में 38, हमीरपुर में 153,
बिलासपुर में 84, ऊना में 257, धर्मपुर में 111, शिमला में 479, रोहड़ू में 261, रिकांगपिओ में 107, नाहन में 292 और सोलन में 294 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं।
प्रदेश में भारी वर्षा से 2577 बिजली ट्रांसफार्मर भी खराब पड़ गए हैं। शिमला जिला में 821, मंडी में 673, सिरमौर में 447, किन्नौर में 261 और लाहौल-स्पीति में 206 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
मौसम विभाग ने फिर जारी किया भारी वर्षा का अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में अगले दो दिन यानी 12 व 13 जुलाई को वर्षा में कमी आएगी। लेकिन 14 व 15 जुलाई को भारी वर्षा होने की आशंका है। इस दौरान मैदानी व मध्य पर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।