Wednesday, November 6, 2024

पुलिस के अधिकतर जवान और अधिकारी ब्लड प्रेशर से पीडि़त

जो आंकड़े पंजाब पुलिस की सेहत को लेकर आए हैं काफी चौंकाने वाले हैं। देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों में पंजाब पुलिस के जवान और अधिकारी सबसे ज्यादा अनफिट हैं।  भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को लेकर स्वास्थ और सुरक्षा जागरूकता सभा ने जो आंकड़े एकत्रित किए है ,उससे स्पष्ट पता चलता है कि जब जवान पंजाब पुलिस में भर्ती होता है,उस समय सिविल सर्जन द्वारा सभी टेस्टों के आधार पर उसे नौकरी के लिए फिट होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है,लेकिन 40 वर्ष तक पहुंचते -पहुंचते वह मोटापे और ब्लड प्रेशर का शिकार होने लगता है।

आंकड़ों के अनुसार पंजाब पुलिस के हर चौथे मुलाजिम का भार सामान्य से अधिक है। प्राय: 42.8 फीसदी पुलिस कर्मचारी मोटे है।  पंजाब पुलिस के अधिकांश अधिकारी हाई ब्लड प्रेशर के शिकार है। यदि पंजाब की भगवंत मान सरकार पंजाब पुलिस के सभी कर्मचाारियों और अधिकारियों का पुन: मेडिकल निरीक्षण करवाती है तो आधे से ज्यादा कर्मचारी अनफिट घोषित हो सकते हैं।

आंकड़ों में बताया गया है कि पंजाब पुलिस के 90 हजार कर्मचारियों में से 60फीसद से ज्यादा कर्मचारी विभिन्न रोगों से पीडि़त हैं और वह अलग अलग प्रकार के नशों का प्रयोग कर रहे हैं। पंजाब पुलिस फोर्स के 6 फीसदी लोग रोजाना शराब का सेवन करते हैं,कुछ मुलाजिम अफीम और भुक्की के शौकीन भी हैं। कुछ नशीली गोलियां,कैप्सूल फैंसी कोरेक्स को भी समय समय पर पी लेते हैं। पंजाब पुलिस की नौजवान पीढ़ी स्मैक का नशा भी कर रही है।

जर्दा खाने वालों की संख्या भी काफी मात्रा में है। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक थाने में 30 से 40 मुलाजिम होते हैं ,जबकि चौकियों में 5 से 7 मुलाजिम। एक थाने में तैनात कर्मचारी प्रतिदिन एक पेटी शराब और 15-20 मुर्गे जरूर हजम कर जाते हैं। इस प्रकार अनुमानत:15-20 हजार प्रति दिन खर्च होता होगा। ऐसा माना जाता है कि पंजाब के सभी थानों में प्रति दिन शराब पर 1 करोड़ से लेकर डेढ़ करोड़ खर्च होता होगा। यह खर्च पंजाब पुलिस के जवान और अधिकारी अपनी जेब से खर्च नहीं करते।

पंजाब पुलिस के बड़े अधिकारी मानते हैं कि पंजाब की नफरी( एक दिन के काम का वेतन)1947 वाली चली आ रही है। जबकि पंजाब की जनसंख्या तीन गुणा बढ़ चुकी है। कर्मचारियों की कमी के कारण पुलिस वालों की ड्यूूटी का निश्चित समय नहीं  है।  उन्हें खाने पीने का समय ही नही मिलता । अब न ही थानों में रोजाना परेड होती है। आयु का बढऩा भी ब्लड प्रेशर बढऩे का सबसे बड़ा कारण है। पुलिस कानून के अनुसार पुलिस कर्मचारियों की परेड सप्ताह में दो दिन जरूरी होती थी। पहले यह परेड थानों में होती थी,लेकिन अब पुलिस लाइन तक ही सीमित है।

फिरोजपुर की पुलिस लाईन में तैनात डाक्टर का कहना है कि अधिकतर पुलिस कर्मचारी डिप्रैशन और ब्लड प्रैशर से पीडि़त है। समय समय पर पुलिस कर्मचारियों का मेडिकल चैकअप भी किया जाता है। पुलिस के बड़े अधिकारी कहते हैं कि पंजाब पुलिस में नशे का रुझान बढ़ रहा है।

पुलिस के अक्स को सुधारने के लिए हर महीने योगा कैंप,खेल कूद बौद्धिकता इत्यादि पर सरकार को काम करने की जरूरत है। पिछले दिनों पंजाब सरकार ने पुलिस विभाग के कर्मचारियों के डोप टेस्ट भी करवाए थे जिससे पुलिस विभाग में हडक़ंप मच गया था। कुल  मिलाकर काम के अत्यधिक दबाव ,नशे के बढते प्रभाव एवं अनियमित दिनचर्या के कारण पंजाब पुलिस के जवानों की सेहत दांव पर लगी हुई है।
सुभाष आनंद – विनायक फीचर्स

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