उज्जैन। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन को लेकर एक मिथक रहा है कि यहां मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रात नहीं बिताते हैं। मगर राज्य के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार की रात उज्जैन में बिताकर इस मिथक को तोड़ दिया है।
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद वे शनिवार को यहां पहुंचे। इतना ही नहीं उन्होंने रात भी बिताई।
मुख्यमंत्री यादव ने यहां एक जनसभा में कहा कि रात न बिताने के मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया था। राजा महादजी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे और वे 1812 में राजधानी ले भी गए, मगर धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात में नहीं रहेगा, अरे राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं। क्यों रात में नहीं रहेंगे। ब्रह्मांड में कोई बच नहीं सकता, अगर बाबा महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर दी तो। मुझे मोदी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी, आप तो उज्जैन संभालो। मैं मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं यहां पर।
संभवतः मध्य प्रदेश की राजनीति में पहला ऐसा अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री उज्जैन में रात में रुका। शिवराज सिंह चौहान राज्य के 18 साल मुख्यमंत्री रहे, मगर अपने कार्यकाल के दौरान वे एक भी रात उज्जैन में नहीं रुके।