मुंबई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक बड़े कार रैकेट का पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने नकली आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर 7.30 करोड़ रुपये की प्रीमियम कारें खरीदीं। नकली दस्तावेजों से बैंकों से लोन लेकर कारें खरीदने के बाद इंजन और चेसिस नंबर बदलकर इन्हें अन्य राज्यों में बेचा गया। सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड का उपयोग करके 7.30 करोड़ रुपये की प्रीमियम कारें खरीदीं। आरोपियों ने राज्य के बाहर स्थित व्यापारियों के जीएसटी नंबरों का उपयोग किया। इसके बाद नकली पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाए और उन व्यापारियों के सिबिल स्कोर की जांच की। जिन व्यापारियों के सिबिल स्कोर अच्छे थे, उनके नाम पर नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों से लोन लेकर कारें खरीदीं। फिर कारों के इंजन नंबर और चेसिस नंबर बदलकर अन्य राज्यों में बेच दीं। यह गिरोह कार बेचने के लिए दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश के एजेंटों का इस्तेमाल कर उन राज्यों के निवासियों को कारें बेचते थे। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह, आरोपियों ने बैंक, व्यापारियों और कार खरीदने वाले लोगों को धोखा दिया। एक बीएमडब्ल्यू, 8 फॉर्च्यूनर एसयूवी और अन्य कारें बरामद की गई हैं।
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इस मामले में आगे की जांच की जा रही है क्योंकि रैकेट में शामिल आरोपियों पर विभिन्न राज्यों में कार चोरी में भी सक्रिय होने का आरोप है। गिरफ्तार आरोपियों में से चार का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि तीन आरोपी मुंबई और उपनगरीय क्षेत्र से हैं, बाकि गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ दिल्ली से हैं। आरोपियों ने व्यापारियों के नाम पर उनके जीएसटी नंबर का उपयोग कर लोन लिया। दस्तावेजों पर आरोपी अपनी फोटो लगाते थे। अभी तक 16 वाहन जब्त किए गए हैं। जब्त की जाने वाली कारों की संख्या और बढ़ेगी। कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।