मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड के मामले में सीबीआई ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
29 साल पहले रामपुर तिराहा कांड के मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर एडीजे-7 शक्ति सिंह कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट में 24 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए थे। इनमें से 18 ने पेश होकर कोर्ट से वारंट रिकॉल करा लिए थे। मामले में आरोपी पुलिसकर्मी राकेश कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। उन्हें सीबीआई ने 10 मार्च को गिरफ्तार कर लिया।
सोमवार को सीबीआई ने राकेश कुमार मिश्रा को एडीजे-7 शक्ति सिंह की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर 1 अक्टूबर 1994 को सैकड़ों की संख्या में लोग गाडिय़ों और बसों से देहरादून से दिल्ली की ओर चले थे।
मुजफ्फरनगर में छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पहुंचने पर सभी लोगों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया था। 1 अक्टूबर 1994 को रात के समय आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया था। आरोप है कि पुलिस ने उत्तराखंड गठन की मांग कर रहे लोगों पर फायरिंग की। इसमें 7 लोगों की जान चली गई थी। महिलाओं से रेप करने का भी पुलिस पर आरोप लगा था। इस मामले को लेकर उत्तराखंड गठन समिति ने आंदोलन छेड़ दिया था।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर सुनवाई कर रहे एडीजे-7 शक्ति सिंह ने रेप, मारपीट, तोडफ़ोड़ और आपराधिक साजिश रचने के 24 आरोपियों के विरुद्ध एनबीडब्ल्यू जारी किए थे, जिनमें 18 आरोपियों ने 3 मार्च को कोर्ट में पेश होकर वारंट रिकॉल करा लिए थे।