मुजफ्फरनगर। म़ंसूरपुर क्षेत्र के गांव खुब्बापुर में शिक्षिका तृप्ता त्यागी द्वारा छात्र को थप्पड़ लगवाने के मामले में आज मुजफ्फ़ऱनगर के बीएसए शुभम शुक्ला की सुप्रीम कोर्ट में पेशी हुई। कार्रवाई की गति धीमी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। अब अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी।
आपको बता दें कि 24 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की पिटाई के बाद वीडियो वायरल हो गया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई चल रही है। मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग ने मामले की जांच की थी।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुज़फ्फरनगर के बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि वह अदालत पहुंचे थे। विभाग की रिपोर्ट ऑनलाइन दाखिल होनी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए छह नवंबर की तिथि तय की है।
खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप है। प्रकरण के दौरान पीडि़त छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया था । वीडियो के वायरल होते ही देशभर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं थी और शिक्षिका की गिरफ़्तारी की मांग उठने लगी। आरोपी शिक्षिका पर अब एफआईआर दर्ज हो गई है।
खुब्बापुर गांव के पीडि़त छात्र का अभी तक किसी स्कूल में प्रवेश नहीं हो सका है। जमीयत उलमा ने छात्र के घर पर शिक्षक भेजकर पढ़ाई शुरू करा दी है। पीडि़त छात्र के पिता इरशाद का कहना है कि पुलिस-प्रशासन मामले में लीपापोती कर रहा है। कुछ लोग उनके घर आकर छींटाकशी भी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। अब हमें सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही भरोसा है