भोपाल-पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर का सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बनना तय हाे गया है। सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों की ओर से भी आज उनके नाम का औपचारिक प्रस्ताव सचिवालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
नवगठित सोलहवीं विधानसभा के चार दिवसीय सत्र के पहले दिन अध्यक्ष पद के लिए श्री तोमर के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और श्री भूपेंद्र सिंह की ओर से किया गया। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह, डॉ राजेंद्र कुमार सिंह और जयवर्धन सिंह की ओर से भी श्री तोमर के नाम का प्रस्ताव रखा गया। इसका समर्थन क्रमश: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रहलाद पटेल, राजेंद्र शुक्ल, रामनिवास रावत, हेमंत कटारे और तुलसी सिलावट की ओर से किया गया। इसी के साथ अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन की तिथि 20 दिसंबर को श्री तोमर का सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित होना तय हो गया।
केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री के रूप में अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों को संभाल चुके श्री तोमर इस बार मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं। श्री तोमर का जन्म मुरैना जिले की पोरसा तहसील के औरेठी गांव में 12 जून 1957 को हुआ। उनके पिता श्री मुंशी सिंह तोमर पेशे से किसान थे। स्नातक तक शिक्षा हासिल करने वाले श्री तोमर केंद्र और राज्य सरकार में महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व मंत्री के रूप में संभालते आए हैं। वे संगठन में भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे और वे कुशल प्रशासक के साथ ही बेहतर संगठक तथा समन्वयक के रूप में पहचाने जाते हैं।
राज्य के ग्वालियर चंबल अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री तोमर ने छात्र जीवन के दौरान राजनीति में प्रवेश किया और वे ग्वालियर के मुरार स्थित शासकीय महाविद्यालय में वर्ष 1979 80 में छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। वे 1983 से 1987 तक ग्वालियर नगर निगम में पार्षद रहे और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
मितभाषी, सहज और सरल व्यवहार के लिए पहचाने जाने वाले श्री तोमर वर्ष 1998 में ग्वालियर से पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2003 में उन्होंने एक बार फिर से इसी सीट का भाजपा के टिकट पर प्रतिनिधित्व किया और तब गठित हुयी भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ग्रामोद्योग, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के मंत्री बने। वे भाजपा की बाबूलाल गौर सरकार के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार में भी मंत्री रहे। श्री तोमर ने चौहान सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ ही जनसंपर्क जैसे महत्वपूर्ण विभाग को भी संभाला। वर्ष 2008 में वे सर्वश्रेष्ठ मंत्री के रूप में नवाजे गए।
श्री तोमर ने इस वर्ष मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विजयी होने के बाद मुरैना संसदीय सीट के साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया। वे विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक के रूप में कार्य करते रहे। श्री तोमर 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरैना संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री तोमर ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद उन्हें उस समय मोदी सरकार में इस्पात, खान, श्रम एवं रोजगार विभाग का मंत्री बनाया गया। इसके बाद जुलाई 2016 में उन्हें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय का कार्यभार दिया गया। सितंबर 2017 में श्री तोमर को ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान विभाग का जिम्मेदार दिया गया।
श्री तोमर को अक्टूबर 2018 में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।
श्री तोमर ने प्रदेश भाजपा संगठन में भी अपनी भूमिका को साबित किया। 16 दिसंबर 2014 को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हुए। इसके पहले वे मार्च 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त किए गए थे। उन्होंने 2009 के चुनाव में मुरैना संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी के रूप में विजय हासिल की थी। इसी वर्ष जनवरी में मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2006 में भी वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके थे।