पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुस्साए कार्यकर्ताओं ने शनिवार को नामदेव जाधव पर हमला कर दिया और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी। जाधव ने राकांपा (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार को ओबीसी जाति का बताने वाला प्रमाण पत्र पेश किया था।
जाधव यहां एक सभागार में एक बैठक में भाग लेने आए थे। तभी कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह ने उन्हें घेर लिया और उनमें से एक ने उनके चेहरे पर स्याही पोत दी, जबकि, एक पुलिस कांस्टेबल उन्हें हमले से बचाने के लिए दौड़ा।
कभी एनसीपी और उसके शीर्ष नेताओं के करीबी सहयोगी कहे जाने वाले जाधव पार्टी और उसके नेतृत्व के कटु आलोचक बन गए हैं। हाल ही में उन्होंने मराठा शरद पवार को ओबीसी जाति का टैग देने वाला अंग्रेजी में छपा एक कथित प्रमाण पत्र दिखाकर विवाद पैदा कर दिया था।
दरअसल, 14 नवंबर को अपने गृहनगर बारामती में दिवाली मिलन समारोह के दौरान शरद पवार ने कथित ओबीसी प्रमाणपत्र को खारिज करते हुए स्थिति साफ कर दी थी। उन्होंने कहा था कि उनके पुराने स्कूल द्वारा जारी किया गया दस्तावेज़ असली था, जिसमें उनकी जाति ‘मराठा’ बताई गई थी और उन्होंने इस तथ्य को कभी छिपाया नहीं था।
एनसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा धक्का-मुक्की के बाद गुस्साए जाधव ने धमकी दी कि वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे, जिसमें पहले आरोपी शरद पवार होंगे और दूसरे उनके पोते और एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार होंगे।
इस घटना का परोक्ष रूप से समर्थन करते हुए राकांपा महासचिव जितेंद्र अवहाद ने मुंबई में कहा कि अगर कुछ व्यक्ति (जाधव) इस तरह के झूठे दावे करते रहेंगे, तो शरद पवार के वफादार समर्थक उत्तेजित होने के लिए बाध्य हैं।
जाधव की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए, पुणे एनसीपी (एसपी) प्रमुख प्रशांत जगताप ने कहा कि शनिवार के दुर्व्यवहार प्रकरण के लिए वह पूरी जिम्मेदारी लेते हैं, और चेतावनी दी कि जाधव को बिना आधार के किसी और को दोष नहीं देना चाहिए।
स्थानीय राकांपा कार्यकर्ताओं ने जाधव को कुछ निहित तत्वों का ‘पप्पी’ करार दिया, जो अनावश्यक रूप से शरद पवार, रोहित पवार और अन्य नेताओं को बदनाम करने के लिए जाति विवाद में घसीट रहे थे।
इस बीच, पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जाधव मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है।