मुजफ़्फरनगर। गत 2011 को पुलिस पर हमला कर एक सिपाही की हत्या के बाद दो राइफल लूट के मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराए गए आरोपी नीटू कैल को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 2० हज़ार रुपये का जुर्माना किया गया है। इसमें सबूत के अभाव में दो महिलाएं सहित 12 को बरी किया गया है।
जनपद शामली के थानाभवन थाना क्षेत्र में 12 साल पहले सिपाही की हत्या कर रायफल लूटने के मामले में दोषी नीटू कैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-10 की पीठासीन अधिकारी हेमलता त्यागी ने फैसला सुनाया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता कुलदीप कुमार ने बताया कि थानाभवन थाने की मस्तगढ़ पुलिया पर 12 अक्टूबर 2०11 को अज्ञात लोगों ने सिपाही कृष्णपाल और अमित कुमार पर हमला कर रायफल लूट ली थी। मेरठ निवासी कृष्णपाल की मौत हो गई थी। तत्कालीन एसओ अरुण कुमार त्यागी ने 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-1० में हुई। डकैती और हत्या के दोषी शामली के कैल शिकारपुर गांव निवासी नीटू को आजीवन कारावास और 2० हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई हैं। शामली के कैल शिकारपुर की पूर्व प्रधान ओमकारी, उनकी बहू निशा, बेटे अमित के अलावा मोनू, सुधीर, सत्यवान, विकास, सिसौली के संजीव जयंती, बागपत के संजय, मनोज और यशपाल को 27 सितंबर को दोषमुक्त करार दिया गया था। उधर, आरोपी ऋषिपाल, धर्मेंद्र, सुमित और संजीव की मौत हो चुकी है।