नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर कुछ कुलियों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की। उनका कहना है कि उस समय अप्रत्याशित भीड़ थी। एक कुली विकास ने बताया कि वह सात साल से यहां काम कर रहे हैं, लेकिन कभी इतनी ज्यादा भीड़ नहीं देखी थी। कहा जा रहा है कि दो ट्रेनों के रद्द होने से भगदड़ मच गई थी। प्लेटफॉर्म 16 और 13 के बीच काफी भीड़ थी। 13 नंबर प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन आने वाली थी। ट्रेन पकड़ने के चक्कर में यात्री गिर गए, जिसके बाद यह घटना हो गई। हालांकि, प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था की और घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। लखनलाल ने बताया कि वह 1990 से यहां काम कर रहे हैं। पिछले 35 साल में इतनी ज्यादा भीड़ नहीं देखी थी।
छठ पूजा के दौरान भीड़ जरूर रहती है, लेकिन शनिवार को बहुत ज्यादा भीड़ थी। प्रयागराज स्पेशल ट्रेन पकड़ने के दौरान यह भगदड़ हुई। लेकिन, प्रशासन तुरंत हरकत में आया। हम लोग भी बाहर लोगों को गाइड कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 13 और 14 पर शनिवार देर रात उस समय भगदड़ मच गई जब कथित तौर पर यात्रियों के बीच प्रयागराज जा रही दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह फैल गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल भी हुए हैं। रेलवे ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।