नोएडा। नोएडा का चर्चित निठारी नरकंकाल कांड के मामले में गिरफ्तार मोनिंदर सिंह पंढेर की आज रिहाई हो सकती है। लुक्सर जेल के सुपरिंटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि मोनिंदर सिंह की रिहाई के लिए एक मामले में परवाना जेल पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे परवाने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि अगर आज दूसरा परवाना आ जाता है तो पंधेर को जेल से रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह परवाना डसना जेल से उनके पास आया है। सीबीआई कोर्ट ने डासना जेल में परवाना भेजा था। उसके बाद डासना जेल से परवाना लुक्सर जेल में आया है। उन्होंने बताया कि मोनिंदर सिंह टीबी की बीमारी से ग्रसित है। जिसके चलते वह डासना जेल से लुक्सर जेल में उपचार के लिए आया है। जिला जेल में टीबी वार्ड में उसका उपचार चल रहा है।
बहुचर्चित निठारी कांड में फांसी की सजा पाए मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त करार देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पीड़ित परिवारों को अनहोनी की आशंका सताने लगी है। रिहाई के अंदेशे के बीच पीड़ितों के चेहरे पर बृहस्पतिवार को एक डर दिखा। निठारी कांड से संबंधित दस वर्षीय किशोरी ज्योति की मां सुनीता ने कहा कि इंसान अपनी फितरत से कभी बाज नहीं आता है। मोनिंदर और उसका नौकर फिर से वही करेंगे जो उसने 17 साल पहले किया था। महिला ने आशंका जताई है कि जेल से छूटने के बाद वे शायद ही नोएडा की कोठी डी-पांच में रहे। उसने कहा कि अगर वह यहां रहेगा तो पीड़ित परिवार हमेशा डर के साए में रहेंगे।
महिला ने कहा कि मोनिंदर की चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर और मुंबई जैसे कई जगहों पर कोठी है। वह जेल से बाहर आते ही जिस कोठी में रहेगा उसी कोठी में बच्चों की हत्या करेगा। अगर वह नोएडा में रहा तो लोग ही उसे मार देंगे। इसके बाद महिला अपनी बेटी को याद कर फूट करके रोने लगी। निठारी कांड में अपने साढ़े तीन साल के बेटे हर्ष को खोने वाले पीड़ित रामकिशन ने कहा कि फैसले के बाद वह आराम से नहीं बैठेंगे। सभी पीड़ितों को एकत्र करेंगे और मामले को फिर से सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे।
उन्होंने न्यायालय के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि अगर मोनिंदर और सुरेंद्र उसके बेटे के कातिल नहीं हैं तो कातिल कौन है। मेरे बेटे को न तो जमीन खा गई है और न ही उसे आसमान निगल गया है। रामकिशन का कहना है कि कई स्वंयसेवी संस्थाओं ने पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है। इन्हीं की मदद से सभी पीड़ितों को एक मंच पर एकत्र किया जाएगा और आगे की पूरी रणनीति बनाई जाएगी।