पटना। संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार को केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया, जिस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रतिक्रिया दी। राजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!” – संसद में मोदी सरकार। नीतीश कुमार और जेडीयू वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए ‘विशेष राज्य के दर्जे’ पर ढोंग की राजनीति करते रहें!” राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा भी लेंगे और विशेष पैकेज भी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे। बिहार को संवेदना से देखने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है।
सरकार ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। सरकार ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा पूर्व में कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं थी, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी। इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल थी।
यह निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति पर एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष दर्जा का मामला नहीं बनता है।