सूरत। सूरत की धरती पर खरवासा स्थित वेदांत सिटी में आयोजित ऐतिहासिक शिव महापुराण कथा की शुरूआत गुरूवार को आयोजक पाटिल परिवार के हाथों व्यासपीठ पूजन से हुई। कथा के पहले दिन भक्तों का जन सागर उमड़ा। पूरा माहौल शिवमय हो गया। पंडाल भक्तों व्यासपीठ से पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अपने दिल में भगवान शंकर जी को बसाकर रखेंगे तो दुनिया की व्यर्थ बाते प्रवेश नहीं कर पाएंगी। अगर वह खाली रहेगा तो काम, वासना, आसक्ति, क्रोध, लोभ आएगा। अपने भीतर शिव के प्रति विश्वास को दृढ बनाए। सूरत में रहकर कपिल मुनि ने तप साधना की थी और भगवान शिव जी को भी तापी किनारे कपिल मुनि को दर्शन देने पड़े।
उन्होंने कहा कि सूरत को डायमंड नगरी कहते है और गुजरात के दो डायमंड दिल्ली में बैठे है। भारत माता के हाथ के उंगली में जिस तरह दो अंगुठी है उसी तरह गुजरात दो हीरे भारत माता की उंगली में विराजमान है। एक मोदी और दूसरे अमित शाह। शेर को किसी ने राजा नहीं बनाया, वह अपनी प्रबलता, विवेक, बुद्धि, बल, श्रेष्ठता, लगन से जंगल का राजा बनता है। काशी के गंगा घाट पर बैठकर शिवजी पार्वती से कहती है, संसार में जन्म लेने वाला कोई जीव साधारण नहीं होता, उसी पर निर्भर करता है कि वह राजा बनेगा या फकिर बनेगा। व्यक्ति को अपने बल का प्रयोग करना आना चाहिए, लेकिन आजकल गलत जगहों पर बल का प्रयोग किया जा रहा है। दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो ना हो, सिर्फ आपके भीतर विश्वास होना चाहिए।
एक हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल पार्थिव लिंग पूजन से मिलता है। शकर और संत दोनों एक समान होते है। शकर जहां गिरती है वहा मिठास आ जाती है और असली संत जहां बैठ जाता है वहां भगवान की भक्ति छोड़कर चला जाता है। दिखावट, सजावट यह सब बेकार है। शंकर भगवान को प्राप्ति के लिए केवल हदय, चित चाहिए। आयोजक सुनील पाटिल, सम्राट पाटिल परिवार समेत विधायक मनू पटेल, सोमनाथ मराठे, अजय बिल्डर, अशोक पाडुरंग पाटिल, प्रदीप चौधरी, अशोक कमल पाटिल, हितेश पाटिल, सुरेन्द्र संदीप राजपूत, मुकेश, सरपंच जशपालसिंह समेत अग्रणियों ने आरती की।
भजनों पर जमकर झूमे भक्त
कथा श्रवण के बीच कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने ओ मेरे भोले तेरा सहारा है, मेरी नैया का तू किनारा है…आदि भजन गाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कई भक्त भजन सुनकर भावुक हो गए। कई भक्तों की आंखों से आसू झलक पड़े।