लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि पिछले छह वर्षों में विभिन्न पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया को शुचिता, पारदर्शिता और निर्धारित आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पूरा किया गया है। इन नियुक्तियों में कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर सकता है और न ही भाई भतीजे वाद का आरोप लगा सकता है।
मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा चयनित 1148 पदों पर उपनिरीक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के मौके पर योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले जहां उत्तर प्रदेश प्रश्न प्रदेश था, वहीं पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है। समारोह में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं उनके चेहरे की चमक बता रही है कि उन्होंने मेहनत की थी और अपने अभिभावकों की तमन्ना को पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने लोकभवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में 35 नवनियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बनना आज हर एक नौजवान के लिए गौरव की बात होगी क्योंकि आज जब देश और दुनिया में प्रदेश की बात होती है तो उत्तर प्रदेश पुलिस के अच्छे कार्यों की सराहना होती है। पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती प्रक्रिया को ही नहीं आगे बढ़ाया गया है बल्कि तीन गुना ट्रेनिंग क्षमता को भी बढ़ाया गया है। पहले जहां प्रदेश में साइबर थाने केवल दो थे, आज हर रेंज में एक साइबर थाना है। वहीं हर जनपद में इसे स्थापित करने की कार्यवाही चल रही है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के लिए शुरू हुआ मिशन शक्ति कार्यक्रम आज पूरे देश में लागू हुआ है। इसी के तहत यूपी पुलिस में अलग-अलग पदों पर 22500 से अधिक महिला कार्मिकों को नियुक्ति पत्र दिये गये। इतना ही नहीं प्रोन्नति बोर्ड ने 1,29,000 से अधिक प्रमोशन की कार्रवाई को भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है, जो वर्तमान में भी प्रचलित है। वहीं 62 हजार से अधिक पुलिसकर्मी की भर्ती की प्रक्रिया वर्तमान में संचालित है, जिसे टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए पूरी ईमानदारी से संपन्न कराया जाएगा।
योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली हैं। उत्तर प्रदेश देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी एक नई भूमिका के साथ सामने आया है। इस परसेप्शन को बदलने में सबसे अहम भूमिका उत्तर प्रदेश पुलिस की रही है। प्रदेश में आज कानून का राज है। पिछले 6 वर्षों में प्रदेश में दंगे नहीं हुए हैं, संगठित अपराध समाप्त हो चुका है, कोई आतंकी घटना नहीं घटित हुई है। यह सब यूपी पुलिस के बदले स्वरूप को दर्शाता है। वहीं अगर वर्ष 2017 से पहले की बात की जाए तो उस समय पुलिसकर्मी भी असुरक्षित थे। यह लखनऊ का वही हजरतगंज है जहां डिप्टी एसपी को कार के बोनट में टांग करके ले जाने का दुस्साहस हुआ था, लेकिन आज ऐसा कोई दुस्साहस नहीं कर सकता है। आज उसे मालूम है कि अगर वह करेगा तो फिर क्या स्थिति होगी।
उन्होने कहा कि पहले पर्व और त्योहार आते ही लोगों के मन में भय व्याप्त हो जाता था। इसमें भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थिति और खराब हो जाती थी। वहीं आज सारे त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो रहे हैं। आज रामनवमी हो, ईद हो या बकरीद सड़क पर न तो नमाज होती है और न ही हनुमान चालीसा का पाठ होता है। आप सभी ने देखा होगा कि सरकार द्वारा प्रदेश में धार्मिक स्थलों से माइक हटाने का निर्णय लेते ही सभी धार्मिक स्थलों से स्वत: माइक हटा दिये गये। मात्र एक हफ्ते के अंदर 1,20,000 से अधिक माइक धर्म स्थल से उतारे गये।