Thursday, January 23, 2025

केदारनाथ गए बेटे का सात दिन बाद भी पता नहीं, परिजन हुए परेशान

गाजियाबाद। बेटे को देखे बिना सात दिन गुजर गए। हर 10-15 मिनट में उत्तराखंड कंट्रोल रूम पर फोन करके बेटे के मिलने के बारे में पूछता हूं तो उधर से बस एक ही जवाब मिलता है कि जब आपका बेटा मिलेगा तो बात करा देंगे। मुझे अब कुछ समझ नहीं आ रहा…यह शब्द हैं नवनीत विहार में रहने वाले अश्वनी गौतम के पिता दीपचंद गौतम के। उन्होंने बताया की अश्वनी 28 जुलाई को दोस्त रवि समेत चार साथियों के साथ दो बाइक पर हरिद्वार गया था लेकिन वहां से केदारनाथ दर्शन करने चला गया और अभी तक लौटकर घर नहीं आया।

 

 

इनके अलावा खोड़ा के पांच दोस्तों के परिवारों का भी यही हाल है। घर में महिलाएं और बुजुर्ग सभी परेशान हैं। चिराग के पिता अनुराग ने रुद्रप्रयाग में डेरा डाल रखा है। ऑटो चालक दीपचंद गौतम ने बताया कि बेटा अश्वनी नोएडा सेक्टर-18 में एक मोबाइल की दुकान पर काम करता है। वह 28 जुलाई को दोस्त रवि और दो अन्य साथियों के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेने गया था। वहां से चारों का केदारनाथ के दर्शन करने का कार्यक्रम बन गया। 30 जुलाई को अश्वनी ने उन्हें फोन करके केदारनाथ जाने के बारे में बताया। वह थोड़े नाराज हुए लेकिन अश्वनी से गुस्सा जाहिर नहीं किया। अगले दिन सुबह में पत्नी गौरी से फोन पर बात कर बताया कि वे सभी केदारनाथ से चार किलोमीटर पहले एक ढाबे पर हैं। उन्होंने रात नौ बजे फोन मिलाया तो संपर्क नहीं हुआ।

 

 

वह एक अगस्त से लगातार अश्वनी को फोन कर रहे हैं लेकिन बात नहीं हो पा रही। उन्होंने बताया कि वह रोजाना उत्तराखंड में कंट्रोल रूम पर कॉल करके बेटे के बारे में पूछते हैं लेकिन वहां से अधिकारी एक ही जवाब देते हैं जब आपका बेटा मिल जाएगा तो बात करा देंगे। अश्वनी के परिवार में पत्नी गौरी के अलावा डेढ़ साल का बेटा है जबकि मां बीना गौतम, बड़ी बहन आकांक्षा और कृतिका हैं। सभी अश्वनी के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

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