मेरठ। बसपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और अभद्रता के आरोप में पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शम्सुद्दीन राइन पर कानूनी शिकंजा कस गया है। कोर्ट ने बसपा नेता को गिरफ्तार करके 18 अक्टूबर तक पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट से भी शम्सुद्दीन को कोई राहत नहीं मिली है।
बसपा के पूर्व मंडल कॉर्डिनेटर अनिल प्रधान ने नौचंदी थाने में 28 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि फूलबाग कॉलोनी स्थित बसपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक में मुख्य अतिथि पार्टी के मंडल प्रभारी शम्सुद्दीन राइन भी मौजूद थे। अनिल प्रधान ने बैठक में अपनी समस्या रखी तो शम्सुद्दीन राइन ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की। इसके बाद धक्के देकर उन्हें वहां से निकाल दिया। कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी शम्सुद्दीन कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इसके बाद कोर्ट ने 22 सितम्बर को शम्सुद्दीन के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिए थे।
इस आदेश के खिलाफ शम्सुद्दीन राइन इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट से भी बसपा नेता को कोई राहत नहीं मिल पाई। इसके बाद कोर्ट ने शम्सुद्दीन राइन को गिरफ्तार करके 18 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। इसके बाद से ही शम्सुद्दीन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। सीओ कोतवाली अमित राय के अनुसार, हाईकोर्ट से बसपा नेता को कोई राहत नहीं मिली है। पुलिस शम्सुद्दीन को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करेगी। उन्होंने बताया कि
शमसुद्दीन इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे। वादी अनिल प्रधान भी हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट से शमसुद्दीन को कोई राहत नहीं मिली। अनिल प्रधान का कहना है कि अब शमसुद्दीन राइन उन्हें मुकदमा वापस लेने की धमकी दिला रहे हैं, लेकिन वे किसी से नहीं डरेंगे।