गाजियाबाद। जिले में संचालित 60 अस्पतालों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इस मामले में अग्निशमन विभाग की तरफ से अस्पताल संचालकों को नोटिस भेजा जा चुका है। इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पताल शामिल हैं। झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग लगने से 10 नवजात की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग भी कागजों में अलर्ट मोड में आया है लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं है।
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अग्निशमन विभाग की टीम ने सितंबर और अक्तूबर महीने में सरकारी और प्राइवेट 325 अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इनमें से 60 अस्पतालों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इस कारण से सभी अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी करने के साथ ही सीएमओ कार्यालय को भी सूचित किया था। सरकारी स्तर पर तीन बड़े जिला अस्पताल, 50 बेड के दो संयुक्त अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (चार सीएचसी) के अलावा दो ब्लॉक स्तरीय पीएचसी पर मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है।
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महिला अस्पताल के अलावा किसी भी सरकारी अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है। सीएचसी पर सेंट्रलाइज फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए 2018 में शासन ने निर्देश दिए थे कार्यदायी संस्था (कानपुर आवास विकास) को पहली किश्त के रूप में 42 लाख लाख रुपये भी जारी किए गए थे लेकिन, छह साल बाद भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लग सके हैं। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अमित विक्रम का कहना है कि कंपनी को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण लिया जाएगा।