नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में दाऊद नासिर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 मई को करने का आदेश दिया।
इसके पहले 22 फरवरी को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दाऊद नासिर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने 19 जनवरी को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी। करीब पांच हजार पेजों की चार्जशीट में ईडी ने जावेद इमाम सिद्दिकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दिकी और जीशान हैदर को आरोपित बनाया है। ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपित बनाया है।
ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपये की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है। ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई। आरोपित कौसर इमाम सिद्दिकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है। जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली। जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची। जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी।
इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था। सीबीआई की ओर से 23 नवंबर, 2016 को आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई।
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपितों के साथ साजिश रची जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था। चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने 11 मार्च को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।