नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य यातायात की गति को बेहतर बनाना और भविष्य में बढ़ते यातायात दबाव को संभालने के लिए तैयार रहना है। साथ ही, इस योजना में फरीदाबाद और दिल्ली से कनेक्टिविटी को भी बेहतर किया जाएगा, ताकि यातायात के दबाव को कम करने और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक समाधान प्रदान किए जा सकें।
इन 6 शहरों में खत्म होगा जाम
इस योजना में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के साथ बॉटल नेक को खत्म करने के साथ अंडरपास और फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे। जिससे सड़कों पर वाहनों को बेवजह रुकना नहीं पड़ेगा। किसी भी दूरी को तय करने में लोगों को कम से कम समय लगे, इसके लिए परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किया जाएगा। इस प्लान को पूरा करने के लिए जल्द ही सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा।
नोडल एजेंसी तैयार करेगी प्लान
प्लान तैयार करने के लिए सलाहकार कंपनी चुनने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी है। प्रदेश सरकार की ओर से इस प्लान को तैयार करने के लिए नोएडा अथॉरिटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नोएडा अथॉरिअी सलाहकार एजेंसी का चयन करने के साथ प्लान भी तैयार कराएगी। इसके बाद संबंधित जिलों में काम करने वाली अथॉरिटी अपने शहर में इस प्लान को लागू करने के लिए वे तमाम व्यवस्थाएं करेंगे, जो सलाहकार कंपनी द्वारा बताई जाएंगी।
नोएडा अथॉरिटी के एडिशनल सीईओ सतीश पाल ने बताया कि सलाहकार कंपनी को अधिकतम डेढ़ साल का समय विस्तृत प्लान तैयार करने के लिए दिया जाएगा। हालांकि, चयन के बाद तीन माह में सलाहकार कंपनी को प्राथमिक प्लान बनाकर देना होगा। जिसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। इस प्लान में पहले हापुड़ और गाजियाबाद को शामिन नहीं किया गया था, लेकिन अब इन्हें भी इस प्लान में शामिन किया गया है। सलाहकार कंपनी सभी शहरों की स्थिति को देाख्ते हुए प्लान तैयार करेगी।
सलाहकार एजेंसी सभी शहरों का स्थलीय निरीक्षण कर वर्तमान की स्थितियों को जानेगी। इसके बाद 50 साल तक के लिए वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए योजना तैयार करेगी। इसमें अगामी 50 सालों में शहर के विस्तार, भविष्य में बढ़ने वाली आबादी, वाहनों की संख्या और यातायात के दबाव का आकलन करेगी। इन चीजों के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। जिसमें आगामी 50 सालों के लिए ट्रैफिक प्लान होगा और बताया जाएगा कि कहां कौन सी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए।