अधिकांश विशेषज्ञ अब तक यही मानते थे कि यदि रात को सोने से पूर्व व्यायाम किया जाए तो यह नींद में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि व्यायाम करने से हमारे हारमोन काफी सक्रिय होते हैं और उन्हें सामान्य स्तर में लाने हेतु काफी समय लगता है। यदि अच्छी नींद प्राप्त करना चाहते हैं तो रात को व्यायाम करने से कम से कम तीन घंटे बाद ही सोना चाहिए ताकि हारमोन आरामदेह अवस्था में लौट सकें।
परंतु एक नए अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि आप सोने से पूर्व भी बेझिझक व्यायाम कर सकते हैं। इसी को साबित करने के लिए कॉलेज के विद्यार्थियों के एक गु्रप पर दो दिन का अध्ययन किया गया। पहले दिन उन्होंने सोने से डेढ़ घंटा पूर्व व्यायाम किया व दूसरे दिन सिर्फ आधा घंटा पहले।
उन्होंने सिर्फ अच्छी नींद ही नहीं ली बल्कि सोने के दौरान एक बार भी उनकी आंख नहीं खुली। विशेषज्ञ मानते हैं कि सोने से पूर्व यदि थोड़ा व्यायाम कर लिया जाए तो इससे दिमाग में व्याप्त चिंता, तनाव इत्यादि से छुटकारा मिलता है व व्यक्ति अच्छी नींद प्राप्त करता है।
बढ़ती उम्र में लाभदायक है सेब
डॉक्टरों का मानना है कि एक सेब रोज खाओ, रोग दूर भगाओ’ तो शत-प्रतिशत सही है ही मगर अब नए शोधों से सामने आया है कि सेब का सेवन बढ़ती उम्र के लोगों की दिमागी क्षमता को भी मजबूत बनाए रखने में सहायक है। सेब का नियमित सेवन उनकी कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है व याददाश्त भी बरकरार रखता है।
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे ही हमारी बातों को याद रखने की क्षमता क्षीण होने लगती है परंतु सेब केे जूस को लगातार पिया जाए तो इस क्षरण को आसानी से रोका जा सकता है। इससे दिमाग में जाने वाले नकारात्मक रसायनों का प्रभाव खत्म होता है और दिमागी तनाव में कमी आती है। यह पोषक तत्वों की कमी से होने वाली दिमागी व्याधियों से भी बचाता है।
अत: प्रतिदिन 2-3 सेब खाना या 2-3 कप जूस पीना प्रौढ़ लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है और अगर वे इसके साथ अन्य पौष्टिक पदार्थों का सेवन नहीं भी करते तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई खतरा होने की आशंका नहीं रहती।
सूखे मेवे वजन घटाने में सहायक
जिन लोगों का वजन अधिक है, वे अपने वजन को घटाने हेतु अक्सर वसारहित भोजन का सेवन करते हैं। यदि सूखे मेवों की बात की जाए तो इसे लोग वसा से भरपूर व केलोरीयुक्त मानते हुए इनका सेवन नहीं करते लेकिन आहार विशेषज्ञों द्वारा किए गए नए अध्ययन से सामने आया है कि सूखे मेवों में असंतृप्त वसा व कार्बोहाइडेऊट की काफी मात्रा पायी जाती है। आहार विशेषज्ञों का मानना है कि मूंगफली, बादाम व अखरोट आदि में जो वसा पाई जाती है, वह सेहत के लिए लाभदायक होती है। विशेषतौर पर यह फैटी एसिड ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत है, जो हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर, मधुमेह तथा अवसाद इत्यादि से हमारी रक्षा करता है।
अध्ययन से यह भी पता चला है कि सूखे मेवे ब्लड में कोलेस्ट्रोल के अनुपात को सुधारते हैं व हृदय संबंधी बीमारियों व मधुमेह से बचाते हैं। साथ ही नियमित रूप से सूखे मेवों का सेवन करने से वजन नहीं बढ़ता और ये अत्यधिक भूख लगने की समस्या को भी दूर करते हैं इसलिए हमें अपने प्रतिदिन के भोजन में सूखे मेवों को अवश्य शामिल करना चाहिए।
यदि हम 30 ग्राम सूखे मेवों का सेवन करते हैं तो यह 157 से 204 कैलोरी और 13 से 22 ग्राम तक वसा देते हैं बशर्ते ये भुने या तले हुए न हों। यदि दिनभर में हम 50 ग्राम बादाम का सेवन करते हैं तो यह हमारे शरीर के वजन पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डालता।
डेयरी प्रोडक्ट्स को कहें बाय-बाय
यदि आप नाश्ते में ज्यादातर सफेद ब्रेड, डिब्बाबंद जूस, दही, दूध से बने पदार्थों का सेवन करते हैं तो ये हमारे रक्त में अतिरिक्त वसा को जमा कर देते हैं। आगे चलकर ये पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर इत्यादि का खतरा पैदा कर देते हैं।
विज्ञापनों में ऐसे खाद्य पदार्थों का प्रचार किया जाता है जो उच्च मात्रा में रेशा होने व वसारहित होने का दावा करते हैं। ऐसे पदार्थों में कृत्रिम चीनी मिलाई जाती है जो सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक हैं अत: ऐसे पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
दूध व पनीर को कैल्शियम युक्त माना जाता है लेकिन यह सच नहीं है। ये पदार्थ कैल्शियम की कमी को पूरा करने की बजाय अस्थिविकार का कारण बनते हैं।
कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने हेतु दूध से बने पदार्थों का सेवन करने की बजाय दो गिलास दूध का प्रतिदिन सेवन करें। इसके अलावा सोया दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, ब्रोकोली, अनाज व फलिया इत्यादि ग्रहण करें।