Wednesday, July 3, 2024

अब गुड़गांव मेरी राजनीतिक कर्मभूमि हाेगी- राज बब्बर

गुरुग्राम। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद इंडी गठबंधन के उम्मीदवार राज बब्बर ने कहा कि उनके लिए आज का दिन नई शुरुआत करने का है। गुड़गांव की जनता के वे आभारी हैं कि उनके पूर्वजों की धरती ने उन्हें अपनाया है। मैं जहां पैदा हुआ हूं, वहां भी इतनी तादाद में लोगों ने नहीं अपनाया, जितना गुड़गांव के लोगों ने अपनाया है।

राजबब्बर बुधवार को यहां सेक्टर-15 पार्ट-1 में स्थित अपने चुनाव कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर रहे थे। राज बब्बर ने कहा कि गुड़गांव में वे यहां हार-जीत के लिए नहीं, जनता का दिल जीतने के लिए आए थे। उसमें वे कामयाब रहे हैं। मुंबई में उनका एक छोटा सा परिवार है और गुड़गांव में उनके 7 लाख 33 हजार परिवार बने हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में प्रचार के मात्र 18 दिन ही सही से काम कर पाया। 3 मई को उन्होंने नामांकन किया था। उसके बाद 5 से चुनाव प्रचार में शुरू किया और 23 मई तक 18 दिन खूब मेहनत की। रोजाना 50 हजार लोगों तक पहुंचे और उन्हें अपना बनाया। उन्होंने कहा कि लोगों ने ही अहसास करा दिया कि मैं बाहरी नहीं हूं। बहुत से लोगों तक पहुंच भी नहीं पाए। राजबब्बर ने कहा कि गुडग़ांव को उन्हें वचन दिया था कि वे चुनाव लड़ने नहीं आए। जीतने-हारने नहीं आए, दिलों में बसने आए हैं। वह काम किया है। अब वे गुडग़ांव की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते रहेंगे। जिन्हें जनता ने प्रतिनिधि चुना है, उसने बात करके समाधान कराएंगे।

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उन्होंने कहा कि आज से वे अपने लोकसभा क्षेत्र में लोगों को धन्यवाद देने के लिए दौरे शुरू कर रहे हैं। पहले दिन वे मेवात में जा रहे हैं। गुरुवार को दूसरे दिन रेवाड़ी, बावल, पटौदी में जाएंगे। शुक्रवार को गुडग़ांव, सोहना और बादशाहपुर जाकर लोगों का आभार जताएंगे। गुडग़ांव का हर व्यक्ति उनके लिए सम्मानित है।

राज बब्बर ने कहा कि मतगणना से पहले दिन उन्होंने राव इंद्रजीत को फोन करके शुभकामनाएं दी थीं। बदले में राव इंद्रजीत ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी की अदावत नहीं की। किसी के खिलाफ नहीं बोला। चुनाव में हार के विश्लेषण की बात पर राजबब्बर ने कहा कि विश्लेषण तब होता है जब आप जनता ने अस्वीकार किए हों। यहां तो जनता ने खूब प्यार दिया है। उन्होंने यह जरूर कहा कि टिकट की घोषणा थोड़े दिन पहले हो जाती तो और अधिक लोगों तक पहुंच पाते।

उन्होंने भाजपा के 400 पार के नारे को लेकर कहा कि उनका क्या हुआ। अब नीतीश, नायडू का इंतजार कर रहे हैं। एग्जिट पोल पर उन्होंने कहा कि मीडिया घरानों को सोचना चाहिए। अपने दायित्व को ठीक से निभाना चाहिए। राज बब्बर ने कहा कि वे किसी के विरोधी नहीं हैं। वे साथ चलने में विश्वास रखते हैं। वे विरोध की राजनीति नहीं करते। वे सामाजिक व्यक्ति हैं। उन्होंने कभी किसी को बुरा नहीं कहा। अयोध्या से भाजपा की हार पर उन्होंने कहा कि भगवान को भाजपा ने सिर्फ अपना माना, जबकि भगवान तो सबके होते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि हरियाणा में उनकी राजनीतिक पारी शुरू हो चुकी है। अब यही उनकी राजनीतिक कर्मभूमि होगी।

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