Monday, December 23, 2024

अब खेती का पूरा रिकॉर्ड हो जाएगा डिजिटल, मोदी सरकार ला रही है नई योजना, पैदावार भी किया जाएगा रिकॉर्ड

बालाघाट। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत सरकार जल्द ही डिजिटल एग्रीकल्चर योजना ला रही है, जिससे खेती का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जायेगा। सैटेलाइट के उपयोग से इस योजना के तहत खेती की पूरी जानकारी ऑनलाइन हो जायेगी। जिसमें खेतों की जियो टैगिंग की जायेगी। खेती को आधारकार्ड, बैंक और योजनाओं से लिंक किया जायेगा। इस योजना से न केवल पैदावार का रिकॉर्ड होगा बल्कि राज्यवार पैदावार की जानकारी भी होगी।

यह बात केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शनिवार को बालाघाट में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। इस दौरान आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, भाजपा अध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल, पूर्व भाजपा अध्यक्ष रमेश भटेरे उपस्थित थे। बालाघाट के वारासिवनी क्षेत्र अंतर्गत मुरझड़ में राजाभोज कृषि महाविद्यालय में आयोजित विश्व मधुमक्खी दिवस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पहुंचे थे।

कार्यक्रम से पूर्व बालाघाट में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर योजना से किसानों को बैंक लोन के लिए नो-ड्यूज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। आला और पाला प्रभावित किसानों का सैटेलाइट से सर्वे होने से किसी किसान के साथ भेदभाव जैसी स्थिति नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि कृषि और किसान मोदी जी की प्राथमिकता में हमेशा से रहे हैं। इसी वजह से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जो कृषि का बजट था, उसकी अपेक्षा मोदी सरकार में कृषि बजट एक लाख 25 हजार करोड़ किया गया है। मध्य प्रदेश की सरकार कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। निरंतर रूप से प्रदेश की कृषि ग्रोथ 18 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार शहद उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। भारत से शहद निर्यात भी बढ़ा है। शहद उत्पादन अर्थव्यवस्था और रोजगार के दृष्टिकोण से नया आयाम साबित हो रहा है। बालाघाट का वातावरण मधुमक्खी पालन के लिए मुफीद है और यहां भी मधुमक्खी पालन से शहद के क्षेत्र में किसान बेहतर कार्य कर सकते हैँ। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने का काम मोदी सरकार कर रही है, शहद में भी एफपीओ के माध्यम से कार्य किया जाता है, तो सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने फसलों के दाम को दोगुना करने का काम किया है। पीएम सम्मान निधि के माध्यम से देश के साढ़े 11 हजार करोड़ किसानों के खाते में सिंगल क्लिक से अब तक ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों को दिये गये हैं। जिससे किसानों को खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने में मुक्ति मिली है।

कृषि मंत्री ने कहा कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार में किसान क्रेडिट कार्ड में किसानों को सीमित मात्रा में लोन दिया जाता था लेकिन मोदी सरकार ने इसमें 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। प्राकृतिक प्रकोप के चलते किसानों की खेती में नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा के माध्यम से की जा रही है।

उन्होंने बताया कि जैविक और प्राकृतिक खेती से जहां किसानों को लागत कम लगती है, वहीं इससे होने वाली उपज का दाम भी अच्छा मिलता है। वहीं प्राकृतिक और जैविक खेती से जमीन की उर्वरता बरकरार रहती है और प्रदूषण से मुक्ति मिलती है। भारत ने जैविक और प्राकृतिक खेती से उत्पादित सामग्री का 4 लाख करोड़ का निर्यात किया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सर्व कल्याण की भावना से काम कर रही है हाल ही में प्रदेश सरकार ने लाडली बहना योजना और मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना प्रारंभ की है। जो किसानों को कर्ज के ब्याज से मुक्त करने के साथ ही महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनायेगी। बच्चियां कोख में ना मरें, इसके लिए सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना को लागू किया था। जिससे बच्चियों के प्रति सोच बदली है।

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