(गौरव सिंघल)
सहारनपुर 18वीं लोकसभा के पहले चरण के 19 अप्रैल को होने वाले मतदान का प्रचार आज बंद हो गया । सहारनपुर मंडल की चार लोकसभा सीटों में से सहारनपुर और बिजनौर पर त्रिकोणीय मुकाबला है जबकि कैराना में गठबंधन सपा उम्मीदवार इकरा हसन और भाजपा के मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी और मुजफ्फरनगर सीट पर गठबंधन के सपा उम्मीदवार पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के बीच सीधा मुकाबला है।
इन जाट बाहुल्य चारों सीटों पर रालोद नेता जयंत चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है। रालोद का इस चुनाव में भाजपा से गठबंधन है। रालोद बागपत और बिजनौर सीट पर चुनाव लड़ रही है। पहले चरण के चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी चुनाव प्रचार कर चुके हैं। विपक्ष की ओर से अखिलेश यादव और मायावती भी यहाँ कई जनसभा कर चुकी है।
सहारनपुर सीट पर भाजपा पिछला चुनाव हार गई थी। भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा, कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद और बसपा उम्मीदवार माजिद अली कड़े संघर्ष में उलझे हुए हैं। कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर नगर में अग्रवाल धर्मशाला से लेकर घंटाघर चौक तक रोड़-शो निकाला। तीन बार पहले भी योगी आदित्यनाथ राघव लखनपाल शर्मा के लिए चुनाव प्रचार में आ चुके हैं। इमरान मसूद के पक्ष में आज प्रियंका गांधी वाड्रा ने रोड़-शो निकाला। बसपा के पक्ष में मायावती देवबंद में तीन दिन पहले चुनाव सभा को संबोधित कर चुकी हैं।
कैराना में भाजपा उम्मीदवार को सैनी और राजपूतों के एक वर्ग की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। बसपा उम्मीदवार श्रीपाल राणा राजपूतों में सेंधमारी कर रहे हैं। जयंत चौधरी के कारण जाट कैराना के पक्ष में लामबंद है लेकिन कई जगह जाट इकरा के साथ खड़े नज़र आ रहे है। चुनाव मैदान में इकरा हसन अकेले मुस्लिम उम्मीदवार है। इस सीट पर सबसे ज्यादा सवा छह लाख मुस्लिम मतदाता हैं। 27 वर्षीय इकरा हसन लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त कर वह अपने चुनाव अभियान की खुद अगुवाई कर रही है। देर रात तक मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें प्रभावित करने के प्रयासों में लगी है।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर दो प्रमुख जाटों भाजपा के संजीव बालियान और सपा के हरेंद्र मलिक के बीच कांटे का मुकाबला है। इस सीट पर किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार के ना होने का फायदा हरेंद्र मलिक को मिल रहा है। भाजपा के संजीव बालियान धाकड़ नेता की छवि रखते हैं। उनके निजी प्रभाव के कारण उनके आसपास के सहयोगी उनके साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं। संजीव बालियान पिछले दो चुनाव जीत चुके हैं। पिछली दफा उन्होंने चौधरी अजित सिंह को हराया था।
बिजनौर सीट पर रालोद के 34 वर्षीय युवा उम्मीदवार चंदन चौहान चुनाव लड़ रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश के पहले उपमुख्यमंत्री चौधरी नारायण सिंह के पोते और पूर्व सांसद संजय चौहान के बेटे हैं। वह वर्तमान में मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद विधायक हैं और रालोद की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उनके चुनाव प्रचार में आए जयंत चौधरी ने चुनाव सभा में ऐलान किया कि रालोद और भाजपा के बीच संगम हो गया है। यानि दोनों दलों के कार्यकर्त्ता आपसी समन्वय बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं जिसका दोनों दलों को फायदा मिल रहा है।
बिजनौर सीट पर बसपा के बिजेंद्र चौधरी जो जाट बिरादरी से हैं अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं। सपा ने यहां अपने विधायक के पुत्र दीपक सैनी को उम्मीदवार बनाया है। दीपक सैनी को सैनी बिरादरी के साथ-साथ मुस्लिमों का भारी समर्थन मिल रहा है। बसपा उम्मीदवार बिजेंद्र चौधरी मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगा रहे हैं। ऐसी सूरत में बिजनौर सीट पर रोचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।