नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर नीरज चोपड़ा का थ्रो ऐतिहासिक रहा। हालांकि, इस बार मेडल का रंग बदल गया लेकिन स्टार एथलीट की मां का मानना है कि एक चुनौतीपूर्ण मुकाबले में सिल्वर भी गोल्ड से कम नहीं है। नीरज की जीत से उनके परिवार-गांव और पूरे देश में जश्न का माहौल है। 26 साल के नीरज लगातार 2 ओलंपिक में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं। पेरिस ओलंपिक में क्वालिफिकेशन राउंड में टॉप पर रहने वाले नीरज गोल्ड के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाग्य का साथ उनको नहीं मिला। बीते कुछ महीने नीरज के लिए काफी मुश्किल रहे हैं। कई मौकों पर उनको चोटों का सामना करना पड़ा। इन तमाम चुनौतियों का असर फाइनल मुकाबले पर दिखा।
हालांकि, भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता। नीरज ने 89.45 मीटर का थ्रो किया, जो उनके सीजन का बेस्ट था। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के स्कोर और ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स (88.54 मीटर) को ब्रॉन्ज मिला। नीरज की मां ने कहा, “हम लोग बहुत खुश हैं। हमारे लिए यह सिल्वर भी गोल्ड जैसा है। जिसने गोल्ड जीता, वो भी मेरा ही बच्चा है, उसने भी मेहनत की है। नीरज जब घर आएगा तो उसकी पसंद का खाना बनाकर उसे खिलाऊंगी।
हम नीरज को लेने एयरपोर्ट जाएंगे और चूरमा भी लेकर जाऊंगी। जो भी बच्चे खेल में अपना करियर बनाना चाहते हैं, मैं बस उनसे यही कहूंगी, खूब मेहनत करो और देश का नाम रोशन करो।” नीरज के पिता ने कहा, “हर किसी का दिन होता है, फाइनल मुकाबले में पाकिस्तानी खिलाड़ी का था। नीरज ने देश को सिल्वर मेडल दिलाया। यह हमारे लिए गर्व की बात है। नीरज काफी समय से इंजरी से परेशान है, शायद इसलिए फाइनल में उसे संघर्ष करना पड़ा। वरना अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कभी नहीं हुआ कि वो लगातार फाउल कर रहा हो।