Saturday, April 27, 2024

विपक्ष ने लोकतंत्र का किया अपमान, सदन नहीं चलने देने की पूर्व नियोजित थी योजना: पीयूष गोयल

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नई दिल्ली। संसद में लगातार जारी हंगामे पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को राज्यसभा के 45 और लोकसभा के 33 सांसदों सहित कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले पिछले सप्ताह लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद को निलंबित किया गया था। इस तरह से निलंबित सांसदों का आंकड़ा 92 तक पहुंच गया है।

विपक्षी दल सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। वहीं, सरकार की तरफ से पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी दलों ने लोकतंत्र का अपमान किया है।

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संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि जब भी ओबीसी, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के सशक्तीकरण की बात होती है, तो कांग्रेस और इंडी अलायन्स में शामिल उसके सहयोगी दलों को बड़ी पीड़ा होती है। गोयल ने विपक्षी सांसदों पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उनकी पूर्व नियोजित योजना थी, वे सदन नहीं चलने देना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा सभापति और लोकसभा स्पीकर ने बार-बार अनुरोध किया कि वो अपनी सीट पर बैठकर बोलें, प्लेकार्ड लेकर न आएं, उसके बावजूद जिस प्रकार का व्यवहार रहा, उसके चलते लोकसभा अध्यक्ष को 33 सांसदों (3 सांसदों के मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा गया) और राज्यसभा सभापति को 45 सांसदों (11 सांसदों के मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया) को निलंबित करने का बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लेना पड़ा। यह उनकी (विपक्षी दलों) पूर्व नियोजित योजना थी, वे चाहते ही नहीं थे कि सदन अच्छी तरह से चले, महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो सके।

आपको बता दें कि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एन्टो एंटोनी, के. मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, सुथिरूनवुक्करास, विजय कुमार वसंत, के जयकुमार, अब्दुल खालिक, टीआर बालू, ए राजा, दयानिधि मारन, गणेशन सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, टी. सुमति, एस. एस. प्लानिमणिक्कम, एस. रामलिंगम, वी कलानिधि, कल्याण बनर्जी, सौगत राय, शताब्दी राय, असित कुमार माल, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, सुनील मंडल, प्रसून बनर्जी, अपरूपा पोद्दार, ईटी मोहम्मद बशीर, कनी के नवस, कौशलेंद्र कुमार और एनके प्रेमचंद्रन सहित 33 सांसदों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया।

इनमें से 3 सांसदों, अब्दुल खालिक, विजय कुमार वसंत और के जयकुमार के मामले को संसद की विशेषाधिकार समिति को भेजते हुए इन्हें समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया है। अन्य 30 सांसदों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित किया गया है। राज्यसभा में केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, इमरान प्रतापगढ़ी, रामगोपाल यादव और मनोज झा सहित 45 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया।

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