खतौली। सर शादीलाल डिस्टिलरी एण्ड केमिकल वर्क्स, मन्सूरपुर, मुजफ्फरनगर के विरुद्ध जिला प्रशासन के माध्यम से शिकायत प्राप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय, मुजफ्फरनगर के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा उद्योग का निरीक्षण बीती 4 मई को किया गया था। निरीक्षण के समय उद्योग उद्योग परिसर में सीपीयू के पीछे रिक्त कच्ची भूमि पर भूरे रंग का उत्प्रवाह भण्डारित पाया गया।
निरीक्षण के दौरान उक्त भण्डारित उत्प्रवाह के जल नमूने की विश्लेषण आख्या के अनुसार प्रचालक सीओडी का मान 1200/ मिग्रा/ली प्रदूषित श्रेणी का पाया गया था। प्रदूषित उत्प्रवाह कच्ची भूमि पर भण्डारित किये जाने के कारण भूमिगत जल के प्रदूषित होने की सम्भवना है। निरीक्षण, सर्वेक्षण के दौरान मन्सूरपुर ट्रेन का जल नमूने की विश्लेषण आख्यानुसार प्रचालक सीओडी का मान 136० मिग्रा ली पाया गया।
नाले के जल नमूने में सीओडी की मात्रा अत्यधिक पाये जाने से यह स्पष्ट होता है कि उद्योग द्वारा अशुद्धिकृत उत्प्रवा का निस्तारण मन्सूरपुर ड्रेन में किया गया है। उक्त ट्रेन काली नदी पश्चिमी में मिलती है, जो अन्तत: हिण्डन नदी में समाहित होती है। उद्योग द्वारा अशुद्धिकृत उत्प्रवाह का निस्तारण किये जाने से काली नदी पश्चिमी एवं हिण्डन नदी की जल गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पडऩा स्वाभाविक है। उद्योग को दिनांक 31 दिसंबर 2०24 तक सशर्त जल सहमति प्रदान की गयी है, जिसकी शर्तो का उल्लंघन उद्योग द्वारा किया जा रहा है।
सर शादीलाल डिस्टलरी एण्ड केमिकल वर्क्स, मन्सूरपुर, मुजफ्फरनगर द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 यथासंशोधित की धारा 25/26 के प्राविधानों के अन्तर्गत बोर्ड से निर्गत सहमति शर्तो का उल्लंघन कर मन्सूरपुर ड्रेन एवं आस-पास के पर्यावरण एवं जन मानस के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला जा रहा है।
जनहित एवं जनसाधारण को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए आवश्यक है कि उद्योग का संचालन रोका जाए। उत्तर प्रदेश प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में सर शादी लाल डिस्टलरी को कारण बताओ नोटिस के संबंध मे पूर्ण विवरण के साथ अपना पक्ष 15 दिन के अन्दर बोर्ड को प्रेषित करने के आदेश दिए हैं।
उद्योग द्वारा कारण बताओ नोटिस का उत्तर न प्रेषित करने अथवा संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर उद्योग के विरूद्ध जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 यथासंशोधित की धारा 33-ए के अन्तर्गत जारी कारण बताओ नोटिस की पुष्टि तथा उल्लंघनकारी दिवसों हेतु पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित कर दी जाएगी। उसके बाद डिस्टलरी से पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के कारण 3० हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।