सहारनपुर। सहारनपुर के ब्लाक मुज्जफराबाद और रामपुर मनिहारान के करीब छह सौ किसान जैविक एवं प्राकृतिक खेती शुरू करेंगे। उप निदेशक कृषि डा. राकेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक किसान को प्रति एकड 4800 रूपए का अनुदान दिया जाएगा।
प्राकृतिक खेती के लिए फिलहाल एक हजार एकड भूमि जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए तैयार की गई है। उर्वरकों, कीटनाशकों और रासायनिक पदार्थों का बढता इस्तेमाल मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रहा है और खेतों की मिट्टी को विषैला बना रहा है। डा. राकेश कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती से भूमि की गुणवत्ता और उर्वरता और मनुष्यों की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढेगी। प्राकृतिक खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल होता है।
फसलों को पौषक तत्वों की पूर्ति के लिए हरी खाद, कमपोस्ट, गोबर की खाद, जीवामृत, बीजामृत, घनामृत, राइजोबियम, बैक्टिया, तरल बायोर्फिलाइजर और वेस्ट डी कम्पोजर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढती है और फसल पोषक तत्वों को भूमि से आसानी से गृहण कर लेती है। रोगों और कीटों के प्रकोप से बचाने के लिए नीम का तेल, नीम की खल, ट्राइकोडरमा, फैरोमेनट्रेप आदि का इस्तेमाल किया जाता है। फफूंदी से पैदा होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए खट्टे मट्ठे का घोल बनाकर छिडकाव आवश्यक है।